बिहारराज्य

सामाजिक क्षेत्र में स्किल गैप भरना ज़रूरी : मेश्राम

पटना : भारतीय विद्या भवन के मुंबई स्थित एस.पी. जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SPJIMR) संस्था के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन डेवलपमेंट मैनेजमेंट (PGPDM) के अध्यक्ष और प्राध्यापक तनोज कुमार मेश्राम ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का कुल कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व खर्च करीब 30,000 करोड़ रुपये रहा। लेकिन इसमें से केवल लगभग 1,500 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश में और करीब 300 करोड़ रुपये बिहार में खर्च किए गए। यह दोनों राज्यों की आबादी के अनुपात में बहुत कम है, जबकि देश की लगभग 17 प्रतिशत आबादी उत्तर प्रदेश में और 9 प्रतिशत बिहार में रहती है। इन राज्यों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए यहां सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाना बहुत ज़रूरी है।

इसके साथ-साथ नई संस्थाएं बनाना और मौजूदा संस्थाओं को मज़बूत करना भी उतना ही अहम है और यही काम एसपीजेआईएमआर का पीजीपीडीएम प्रोग्राम सफलतापूर्वक कर रहा है। संस्था का मिशन सामाजिक बदलाव लाने वाले लीडर तैयार करना है, और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन डेवलपमेंट मैनेजमेंट कार्यक्रम इसी लक्ष्य को समर्पित है। हालांकि यह कार्यक्रम सभी राज्यों के पेशेवरों के लिए खुला है, हम मानते हैं कि उत्तर प्रदेश और बिहार के सामाजिक विकास को इससे विशेष रूप से बहुत लाभ होगा। इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए एस. पी. जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्चविकास (SPJIMR) पेशेवरों, सरकारी कर्मचारियों और सामाजिक उद्यमियों को योग्यता और मेहनत के आधार पर छात्रवृत्तियां और फीस में रियायतें प्रदान करता है, ताकि योग्य प्रतिभाएँ आसानी से इस कोर्स का हिस्सा बनकर भारत की समावेशी प्रगति में अहम योगदान कर सकें। यह भारत का एकमात्र विकास प्रबंधन प्रोग्राम है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं से मान्यता मिली है। पीजीपीडीएम (PGPDM) के नए बैच के लिए प्रवेश अब खुले हैं। पात्रता, चयन प्रक्रिया और अंतिम तिथि की जानकारी के लिए संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट https://www.spjimr.org/ पर जाएं।

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