नई दिल्ली: सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी (Social Media Company) META ने भारत में महिला उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई नवीन पहल की घोषणा की है। मेटा को पहले फेसबुक (Facebook) के नाम से जाना जाता था। महिलाओं के फोटो पर सेक्सुअल एब्यूज (Sexual abuse) और कमेंट सहित अंतरंग फोटो पर मजाक करने वाले सभी Non-Consensual कंटेंट (Content) को लेकर कंपनी सख्त हो गई है। जिसके बाद कंपनी ने यह बड़ा निर्णय लिया है।
दरअसल इसने महिलाओं को गैर-सहमति वाली अंतरंग छवियों को अपलोड करने के बारे में शिकायतों को दर्ज करने और ट्रैक करने में सक्षम बनाने के लिए एक नया प्लेटफॉर्म StopNCII.org लॉन्च किया है। कंपनी के पोर्टल के तहत महिलाएं अब अपने अंतरंग फोटो और कमेंट को हटाने के लिए आवेदन कर सकेंगे इसके साथ ही साथ एफ आई आर दर्ज करा सकेगी।
पोर्टल ने एक फोटो के हैश या डिजिटल फिंगरप्रिंट बनाया है, जो इंटरनेट से तस्वीर का पता लगाने और हटाने में सक्षम है। भारत में, पोर्टल ने पहल के लिए सोशल मीडिया मैटर्स, सेंटर फॉर सोशल रिसर्च और रेड डॉट फाउंडेशन सहित कई संगठनों के साथ साझेदारी की है। मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक में निदेशक करुणा नैन ने कहा कि नया पोर्टल “पीड़ितों को अधिकार देता है। लोग इस मंच पर सक्रिय रूप से आ सकते हैं, अपने अंतरंग वीडियो और छवियों को हैश कर सकते हैं।
मेटा ने गुरुवार को एक महिला सुरक्षा हब भी लॉन्च किया। कंपनी ने कहा कि यह पहल महिलाओं को सुरक्षित रहने के दौरान अपने सोशल मीडिया अनुभव का अधिकतम लाभ उठाने में मदद करने के लिए संसाधनों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी। इसमें महिला नेताओं, मीडियाकर्मियों और दुर्व्यवहार से पीड़ित लोगों के लिए डिज़ाइन किए गए विशिष्ट संसाधन शामिल हैं।
यह प्लेटफॉर्म हिंदी, मराठी, पंजाबी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बंगाली, उड़िया, असमिया, कन्नड़ और मलयालम में उपलब्ध होगा। कंपनी ने वैश्विक महिला सुरक्षा विशेषज्ञ सलाहकारों के अपने समूह में दो भारतीयों को भी नियुक्त किया है। जिसमें बिशाखा दत्ता, गैर-लाभकारी संगठन प्वाइंट ऑफ व्यू में कार्यकारी संपादक, और ज्योति वदेहरा, जो सेंटर फॉर सोशल रिसर्च में मीडिया और संचार प्रमुख हैं।