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मौसम विभाग की चेतावनी, आज से अगले 4-5 दिनों तक इन इलाकों में होगी भारी बारिश

नई दिल्ली : मानसून अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और जाते-जाते मानसून देश के अलग-अलग हिस्से जमकर बरस रहा है। मौसम विभाग (IMD) की मानें तो 16-17 सितंबर तक मौसम का यही हाल बना रहेगा। इसके बाद मौसम में बदलाव आनी शुरू होगी। बादल कम होते जाएंगे और इस माह के मध्य में मानसून की विदाई पूरी तरह से हो जाएगी। 20 सितंबर के बाद से उत्तर भारत में गुलाबी ठंड पड़नी शुरू हो जाएगी।

पिछले कई दिनों से देशभर में जगह-जगह सामान्य और मध्यम से लेकर भारी बारिश हो रही है। मौसम का ये मिजाज अगले 4 से 5 दिनों तक ऐसे ही रहने की संभावना है।मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में बारिश की संभावना बनी हुई है। इस दौरान तेज आंधी के साथ बारिश होगी और आसमानी बिजली गिरने की भी संभावना है। मौसम विभाग (MID) के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल, झारखंड ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में आज और कल सामान्य से भारी बारिश की संभावना है।

एमआईडी के मुताबिक अगले चार-पांच दिनों तक मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, मध्य प्रदेश, विदर्भ क्षेत्र, गुजरात, पूर्वी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। आज यानी सोमवार और मंगलवार को ओडिशा, गुजरात और मध्य महाराष्ट्र और कोंकण के अलावा गोवा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की आशंका है। वहीं अंडमान निकोबार द्वीप समूह में आज बारिश हो सकती सकती है। मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों के दौरान तटीय कर्नाटक के इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। 13 को तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में और 15 सितंबर तक केरल में भी बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग (MID) के मुताबिक कम हवा का क्षेत्र लगातार बना हुआ है जिसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों से दूर बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन में केंद्रित होने और बाद के 2-3 दिनों के दौरान उत्तर ओडिशा और उत्तरी छत्तीसगढ़ में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही एक अन्य निम्न दबाव का क्षेत्र पूर्वी राजस्थान और आस-पड़ोस पर स्थित है, जो संबंधित चक्रवाती परिसंचरण के साथ मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। कम दबाव का क्षेत्र और इसके अवशेष 3-4 दिनों के दौरान उसी क्षेत्र में बने रहने की संभावना है और अगले 4-5 दिनों के दौरान निम्न दबाव क्षेत्र और इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और इसके और तेज होने के कारण पश्चिमी तट के साथ निचले स्तर की पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने की संभावना है।

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