प्रवासी मजदूर और गरीब कल्याण रोजगार योजना
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी ने संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। वर्तमान समय में पूरा विश्व महामंदी के दौर से गुजर रहा है।
भारत भी इस महामारी की चपेट में आ चुका है, यहां पिछले कई महीनों से उत्पादन ठप हो चुका है, इसके परिणाम स्वरूप बेरोजगारी भी अपने चरम पर आ चुकी है। रिवर्स माइग्रेशन की स्थिति में लाखो की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर वापसी कर चुके है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कम उपलब्धता ने सरकार के समक्ष विचारणीय प्रश्न खड़े कर दिए।
लॉक डाउन की स्थिति और बढ़ने के कारण प्रवासी मजदूरों की चिंताएं बढ़ने लगी ऐसे में सरकार को फौरी तौर पर रोजगार का मरहम लगाना ही था।
इसी प्रक्रिया के तहत ग्रामीण क्षेत्र में मांग को बनाए रखने और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून 2020 को रोजगार की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है जिसे ‘गरीब कल्याण रोजगार योजना’ नाम दिया गया है।
इस योजना की शुरुआत बिहार राज्य खगड़िया जिले के ‘तेरीहर’ ग्राम में इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास करना और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना
इस अभियान को मिशन मोड में 125 दिनों के लिए चलाया जाएगा जिसमें 6 राज्यों के 116 जिलों को शामिल किया गया और ये 6 राज्य हैं बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और उड़ीसा।
अगर इस मिशन में कार्य क्षेत्रों की बात की जाए तो इस मिशन के कार्यों को कम से कम 25 विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। जैसे सड़क, बागवानी, पौधारोपण जल संरक्षण, सिंचाई, जल जीवन मिशन इत्यादि। इस मिशन के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ के बजट का आवंटन किया गया है और इस कार्यक्रम से कम से कम 25 हजार किसानों को लाभ मिलेगा।
इस अभियान को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है अर्थात यही मंत्रालय इस योजना की नोडल एजेंसी होगा, और इसके साथ लगभग 12 और मंत्रालय आपस में सम्मिलित होकर इस योजना पर कार्य करेंगे इस योजना को हर जिले में संयुक्त सचिव या इससे ऊपर के अधिकारी व क्रियान्वित करेंगे।
ज्ञात हो कि सरकार द्वारा जारी किया यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के महा आर्थिक पैकेज का ही एक भाग है । कोरोना महामारी ने भारत को भी आश्चर्यजनक रूप से प्रभावित किया है ऐसे में इसके कुपरिणामों से देश की जनता को बचाने के लिए सरकार इसके शुरुआती दौर से ही प्रयास कर रही है।
इसी प्रक्रिया के तहत सरकार के कुछ हलकों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (एक निश्चित आय योजना) कि मांग भी उठने लगी जबकि सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में कुछ नगद राशि तीन किश्तों में जमा करवाई है।
अगर इस योजना के प्रभाव की बात करे तो यह योजना गरीबों के ऊपर एक मरहम का कार्य करेगी, इस योजना से प्रवासी मजदूरों की चिंताएं घटेगी और उन्हें कम से कम 125 दिनों के लिए रोजगार मिलेगा जिससे उनके जीवन स्तर में व्यावहारिक परिवर्तन आएगा और घरेलू स्तर पर वस्तुओं की खपत के लिए मांग में वृद्धि होगी और यही मांग आगे से अर्थव्यवस्था को उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगी। और धीरे-धीरे ही सही ग्रामीण जीवन पटरी पर आने लगेगा।