प्रवासियों ग़ैरत मंद बनो
मुम्बई: हिदुस्तान को आज़ाद हुए 70 साल से ज्यादा हो गये है। इस दौरान भारत के विकास में उत्तर प्रदेश खास कर पूर्वांचल क्षेत्र और बिहार का योगदान क्या और कितना है? एक योगदान तो मै भी जानता हूँ कि हमने पूरे भारत को भर-भर के प्रवासी मजदूर (आधुनिक गुलाम) सप्लाई किये है। जो हर जगह से सिर्फ दुत्कारें गये हैं। लतियाये गये है, अगर ऐसा कहूं तो शायद ज्यादा बेहतर होगा?
इस इलाके के लोग ऐसी गुलामी करने मे ही खुश रहते हैं। गर्व महसूस करते है। नौकर बनने मे जिसे फक्र महसूस होता है, उसे कोई कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन मालिक बनने की सोंच उसमे विकसित नही कर सकता है। उपर से गांव में भौकाल मारते हैं, सो अलग। हम हमेशा भौकाली ही तो रहें हैं।
आधुनिक भारत को हमने गर्व करने लायक क्या दिया है? सिवाय प्रवासी मजदूरों के हमे अपने माथे से इस कलंक को मिटाना होगा। पता नहीं क्यो लेकिन अब मुझे योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व क्षमता पर विश्वास होने लगा है। भरोसा जगने लगा है। अब लगता है कि ये बंदा हमारे माथे पर से यह कलंक मिटाएगा। उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाएगा और बिहार को भी प्रोत्साहित करेगा। मुझे पता है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता। उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को अपनी भौकाली मानसिकता वाली विचारधारा से बाहर आना पडेगा। योगी आदित्यनाथ का साथ देना पडेगा।
कोरोना काल ने आपको बहुत सुनहरा मौका दिया है, दुनिया को अपनी क्षमता से अवगत कराओ। उत्तर प्रदेश और बिहार को विकसित करो। कब तक जिल्लत भरी जिंदगी पर गर्व करते रहोगे? पूरे भारत ने तुम्हे बेइज्जत किया है। अपनी ग़ैरत को जगाओं। अपने आत्म सम्मान को जगाओं। दुनिया को दिखाओं।
अगर अब भी तुम्हारा आत्म सम्मान नही जागा तो तुम हमेशा लतियाये जाने के काबिल हो। मान लो कि तूम लतखोर हो। तुम्हारे मुकददर मे दर-दर की ठोकर खाना ही लिखा है। तुम्हारा कुछ नही हो सकता। तुम बेगैरत हो।
जय हिंद
(यह लेखक के स्वतंत्र विचार हैं।)