रूस में रिहायशी इलाके में मिलिट्री का फाइटर प्लेन क्रैश, कई इमारतों में लगी आग, चार की मौत,
मास्को। दक्षिणी रूसी शहर (southern Russian city) येयस्क (Yeysk) में आवासीय इमारतों (residential buildings) पर मिलिट्री प्लेन क्रैश (Military plane crashes) हो गया है. विमान दुर्घटना के बाद इमारतों में आग लग गई. जानकारी मिली है कि टेकऑफ के बाद एक पक्षी सुखोई SU-34 फाइटर जेट (Sukhoi Su-34 Fighter Jet) के इंजन से टकरा गया, जिससे इंजन में आग लग गई. शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसे में कम से कम 4 लोगों की मौत हुई है. वहीं 6 लोग लापता बताए जा रहे हैं. खबर है कि पायलट ने आखिरी समय में इजेक्ट कर लिया. रिपोर्ट ये भी है कि विमान में लदे युद्धक सामग्री की वजह से धमाका बड़ा हुआ है।
हादसे के बाद इमारतों में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि SU-34 के एक इंजन में उड़ान भरने के दौरान आग लगने के बाद वह नीचे गिर गया. चालक दल के दोनों सदस्य सुरक्षित बाहर निकल गए. हादसे में कम से कम 15 अपार्टमेंट प्रभावित हुए हैं। इससे पहले 15 अक्टूबर को यूक्रेन के पास रूसी सैन्य फायरिंग रेंज में दो लोगों ने सैनिकों पर गोलीबारी की, जिसमें 11 लोग मारे गए और 15 घायल हो गए. मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि यह गोलीबारी शनिवार को दक्षिण-पश्चिमी रूस के बेलगोरोद क्षेत्र में हुई जो यूक्रेन की सीमा से लगता है. पूर्व सोवियत गणराज्य के दो अज्ञात लोगों ने लक्ष्य अभ्यास के दौरान स्वयंसेवी सैनिकों पर गोलीबारी की और जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए. मंत्रालय ने इस घटना को आतंकवादी हमला बताया।
यह गोलीबारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में रूसी सेना को मजबूत करने के लिए सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त आम नागरिकों की जल्द तैनाती किए जाने के आदेश के बीच हुई, राष्ट्रपति के इस आदेश के विरोध में रूस भर में प्रदर्शन शुरू हो गए और हजारों की संख्या में लोग देश छोड़ कर अन्यत्र चले गए. पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि 2,22,000 से 3,00,000 सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी आदेश पर अमल शुरू किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इनमें से 33,000 पहले ही सैन्य इकाइयों में शामिल हो चुके हैं जबकि 16,000 यूक्रेन में जारी सैन्य अभियान का हिस्सा बन चुके हैं।
पुतिन के फैसले के बाद पलायन करने लगे लोग
पुतिन द्वारा सितंबर में जारी इस आदेश के तहत 65 वर्ष से कम आयु के लगभग सभी पुरुष सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों के रूप में पंजीकृत हैं. इस फैसले पर आम जनता में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. राष्ट्रपति के इस आदेश के बाद हजारों लोग रूस छोड़कर पड़ोसी देशों में पलायन करने लगे. पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फरवरी में रूस के हमले शुरू होने के बाद से दोनों ही देशों को गहरी सैन्य और नागरिक क्षति उठानी पड़ी है।