मुंबई : तकरीबन एक महीने के लंबे इंतजार के बाद एकनाथ शिंदे सरकार के नए मंत्रिमंडल पर सहमति बन गई है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस नए मंत्रिमंडल में भाजपा और शिंदे गुट में 65-35 प्रतिशत का फॉर्मूला तय हुआ है। निर्दलीयों को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। नए मंत्रिमंडल में भाजपा के 24 से 25, शिंदे गुट से 15 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि जल्द ही एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार मंत्रिमंडल का ऐलान कर सकती है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए एकनाथ शिंदे ने एक जुलाई को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नाटकीय रूप से भाजपा के नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम का पद संभाला था। तब से कयास लगाए जा रहे थे कि शिंदे जल्द ही अपनी कैबिनेट विस्तार का ऐलान करेंगे। तमाम जद्दोजहद और भाजपा हाईकमान से मुलाकात करके आखिरकार सरकार बनाने के 29 दिनों के बाद शुक्रवार को ऐसी खबर सामने आई है कि एकनाथ शिंदे जल्द ही अपनी कैबिनेट विस्तार का ऐलान करेंगे। सूत्रों से जानकारी मिली है कि शिंदे और भाजपा के बीच कैबिनेट विस्तार पर सहमति बन गई है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि एकनाथ शिंदे और भाजपा के बीच 65-35 का फॉर्मूला बना है। माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में भाजपा के 24 से 25, शिंदे गुट से 14 से 15 विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है। इसके अलावा निर्दलीयों को भी शांत करने के लिए मंत्रिपरिषद में जगद दी जा सकती है।
बता दें कि जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार में बगावत की तो उनके साथ ठाकरे सरकार के 9 मंत्री भी बागी हो गए थे। शिंदे के साथ 40 शिवसेना विधायकों में 9 ऐसे हैं जो उद्धव सरकार में मंत्री थे। माना जा रहा है कि शिंदे की सरकार में इन विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के कई विभागों में मंत्री पद की रिक्तता के चलते अशांति का माहौल है। ऐसे में शिंदे पर जल्द कैबिनेट विस्तार का दबाव भी है। सीएम एकनाथ शिंदे कह चुके हैं कि कि कुछ दिनों में कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा। जबकि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट विस्तार की तारीखों पर चुप्पी साधी हुई है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि कैबिनेट विस्तार पर जल्द ही फैसला आ जाएगा।