उत्तराखंड

खनन पर उँगली उठाने वाले लोगों के झूठे नरेटिव को आईना दिखाते हुए उत्तराखंड का राज्य खनन तत्परता सूचकांक 2025 में उत्तराखंड का शानदार प्रदर्शन

उत्तराखंड का राज्य खनन तत्परता सूचकांक 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन

केंद्रीय खनन मंत्रालय द्वारा जारी “राज्य खनन तत्परता सूचकांक 2025 (State Mining Readiness Index)” में उत्तराखंड ने अपनी प्रशासनिक दक्षता सिद्ध की है। यह सूचकांक खनन क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने और बेंचमार्क करने के लिए केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है।

सूचकांक का उद्देश्य
राज्यों का मूल्यांकन निम्न मापदंडों पर किया गया है:
खनन सुधार
नीतिगत पारदर्शिता
पर्यावरणीय संतुलन
प्रशासनिक दक्षता

राज्यों का वर्गीकरण


खनिज संपन्नता के आधार पर राज्यों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया:

कैटेगरी A: समृद्ध खनिज संसाधन वाले राज्य
कैटेगरी B: मध्यम खनिज संसाधन वाले राज्य
कैटेगरी C: सीमित खनिज भंडार वाले राज्य

उत्तराखंड ने ‘कैटेगरी C’ राज्यों में पंजाब और त्रिपुरा के साथ अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।

ऐतिहासिक राजस्व उपलब्धि

वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखंड ने खनन क्षेत्र से ₹1000 करोड़ से अधिक का अभूतपूर्व राजस्व अर्जित किया।

यह राज्य के इतिहास का सर्वाधिक राजस्व है।

वर्ष 2019-20 में यह राजस्व ₹400 करोड़ से भी कम था।

इस सफलता के प्रमुख आधार
ई-गवर्नेंस और डिजिटल नीतियां
पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली
सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन
प्रभावी नेतृत्व — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में

पारदर्शिता और सुधार के प्रयास
खनन पट्टों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।
खनिज परिवहन प्रणाली को डिजिटल माध्यम से पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया।
अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई कर राजस्व हानि पर प्रभावी रोक लगाई गई।

व्यापक परिणाम और प्रभाव
खनन क्षेत्र में सुधार से राज्य की आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिली।
वित्तीय अनुशासन और नीतिगत पारदर्शिता ने सुशासन के “उत्तराखंड मॉडल” को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।
यह प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन और ई-गवर्नेंस के संगम से राज्य अपने संसाधनों का सर्वाधिक लाभ जनता तक पहुँचा सकता है।

उत्तराखंड का यह प्रदर्शन धामी सरकार के नवाचार, सुशासन और वित्तीय प्रबंधन के आदर्श मॉडल को दर्शाता है।

यह उपलब्धि दर्शाती है कि राज्य सरकार पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक प्रगति के बीच उत्कृष्ट संतुलन बनाने में सफल रही है।

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