नई दिल्ली: चन्द्रयान-2 की असफलता के 5 साल बाद इसरो यानी इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) एक बार फिर से चांद की सतह पर उतरने की तैयारी कर चुका है। मिशन चन्द्रयान-3 (Chandrayaan-3) लॉन्चिंग कल यानी 14 जुलाई को की जाएगी। भारत के इस मिशन पर दुनिया की नजरें टिकीं हुई हैं। इसे लांच करने का उद्देश्य चांद की सतह जीवन और पर्यावरण का पता लगाना है।
इतिहास में नाम दर्ज करने की ओर भारत
मिशन चन्द्रयान-3 अगर चांद की सतह पर सफल पूर्वक उतर गया तो ऐसा करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले यह उपलब्धि युनाइटेड स्टेट, रूस और चीन के नाम दर्ज है। चन्द्रयान-3 अगर सफल रहा तो इतिहास कायम करने में भारत का भी नाम दर्ज हो जा हो जाएगा।
14 जुलाई दोपर 2: 35 पर होगी लॉन्चिंग
मिशन चन्द्रयान-3 शतीश धवन स्पेश सेंटर श्रीहरि कोटा से लाॅन्च किया जाएगा। इसे एलवीएम-3 लांच करेगा। यह 14 जुलाई दोपर 2 बजकर 35 मिनट पर लांच होगा। चन्द्रयान-3 पृथ्वी से 3,84,000 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी।