शासकीय आदर्श स्कूल के पुराने स्वरूप को परिवर्तित नहीं किए जाने विधायक ने कराया ध्यानाकर्षित
महासमुन्द: शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महासमुंद के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर से मुलाकात ने संस्था के पुराने स्वरूप को परिवर्तित नहीं किए जाने की ओर ध्यानाकर्षित कराया है। जिस पर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी से उचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने संसदीय सचिव निवास पहुंचकर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि नगर के सबसे पुराने विद्यालय शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महासमुन्द जो कि ब्रिटिश शासनकाल में सन् 1898 में आजादी के पहले से स्थापित धरोहर के रूप में है, जिसे कि आगामी शिक्षा सत्र 2022-23 से स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। जबकि यहां से अनेक राजनीतिज्ञ एवं डॉक्टर, इंजिनियर समाजसेवी और अनेक क्षेत्रों में कार्यरत महारथी विद्या प्राप्त कर समाज को गौरवान्वित कर चुके हैं।
इस विद्यालय का अपना गौरवशाली इतिहास है, जिसका नाम परिवर्तन से अपनी तरह की कठिनाई है। उन्होंने बताया कि यह विद्यालय जिले की समन्वय संस्था भी है। इस संस्था के द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा बोर्ड संबंधित सभी कार्य होते है, जिसका लाभ जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों को मिलता है। साथ ही साथ 10वीं/ 12वीं बोर्ड के मूल्यांकन कार्य, व्यापम/राज्यसेवा आयोग की परीक्षा भी संचालित होती है। इस संस्था में सत्रभर विज्ञान सेमीनार/मॉडल प्रदर्शनी, सेवाकालीन प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम होता है जो कि स्वामी आत्मानंद विद्यालय होने के बाद प्रभावित होगा।
वहीं इस विद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे अध्ययन करते हैं, संख्या सीमित होने पर उनका हित प्रभावित होगा। छात्रों के हित में शासकीय अंबेडकर स्कूल नयापारा को ही स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम की शाला के रूप में संचालित किया जाए और वर्तमान संस्था शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को उनके पुराने स्वरूप में ही रखा जाए। जिस पर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।