हैदराबाद से रांची पहुंचे JMM नीत गठबंधन के विधायक, सोमवार को विश्वास मत से हासिल करेगी चंपई सोरेन सरकार!
रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में सोमवार को होने वाले विश्वास मत से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक रविवार शाम को हैदराबाद से रांची पहुंचे। विधायक एक विशेष विमान से यहां बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर उतरे और उन्हें दो बसों में शहर के सर्किट हाउस ले जाया गया।
सोमवार को विश्वास मत हासिल करेगी चंपई सोरेन सरकार
झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार दो दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को विश्वास मत हासिल करेगी। सोरेन को दो फरवरी को राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलायी थी। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयास
जानकारी के लिए बता दें कि झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो नीत गठबंधन के विधायक विधायक पिछले तीन दिनों से हैदराबाद के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए थे। करीब 40 विधायक दो फरवरी को दो उड़ानों से हैदराबाद पहुंचे थे। झारखंड के विधायकों का यहां आगमन इन आशंकाओं के बीच हुआ था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली नयी सरकार के विश्वास मत से पहले उनकी (विधायकों की) खरीद-फरोख्त का प्रयास कर सकती है।
पांच दिन ईडी की हिरासत में रहेंगे सोरेन
हेमंत सोरेन ने भूखंड से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लंबी पूछताछ और गिरफ्तारी के बाद 31 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, झारखंड में एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन को शुक्रवार (2 फरवरी) को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को इस मामले की याचिका पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि विधायकों ने यहां शमशाबाद के आरजीआई हवाई अड्डे से रांची के लिए उड़ान भरी। पिछले तीन दिनों के दौरान विधायकों को शहर के बाहरी इलाके शमीरपेट में एक रिजॉर्ट में ठहराया गया था। सूत्रों ने कहा, ‘‘वे रिजॉर्ट से चले गए और शमशाबाद हवाई अड्डे से रांची के लिए रवाना हुए।” झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व में कहा था कि विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भेजने का निर्णय यह ध्यान में रखते हुए लिया गया कि विपक्षी दल भाजपा उनकी खरीद-फरोख्त करने का प्रयास कर सकती है। उन्होंने कहा था, ‘‘हमें बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। हम इस अवधि के दौरान कोई जोखिम नहीं ले सकते क्योंकि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है।” झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक वीडियो में 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 43 विधायकों का समर्थन दिखाया गया है।