नई दिल्ली : कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को लेकर बड़ी कटौती केंद्र सरकार की ओर से की गई है। सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफाल टैक्स को को घटाकर 3,500 रुपये प्रति टन कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर घटाकर ₹3,500 प्रति टन कर दिया है। 15 दिन पहले विंडफॉल टैक्स 4,400 रुपये प्रति टन था। इसके अलावा मोदी सरकार ने डीजल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 0.50 रुपये से बढ़ाकर 1 रुपया प्रति लीटर कर दिया है। बता दें हर 15 दिन पर टैक्स की समीक्षा की जाती है। यह संशोधित टैक्स 21 मार्च यानी आज से लागू होगा।
बता दें क्रूड ऑयल जमीन के अंदर से बाहर निकाला जाता है और समुद्र के नीचे से रिफाइंड किया जाता है। इसके बाद इसे पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में परिवर्तित किया जाता है।
कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में कमी वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण आई है।इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट का मई का वायदा भाव 72.67 डॉलर प्रति बैरल पर है, जो पिछले बंद भाव से 0.41% कम है। NYMEX पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का अप्रैल वायदा 0.42% गिरकर 66.46 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।
पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद विंडफाल टैक्स लगाया गया था। अधिकारियों के अनुसार दाम बढ़ने के दौरान कंपनियां वैश्विक बाजारों में अर्जित अतिरिक्त मुनाफे का केवल एक हिस्सा ही कर की दर को अवशोषित करती हैं।
रेवेन्यू सेकेट्री संजय मल्होत्रा ने 4 फरवरी को बजट के बाद के एक साक्षात्कार में मिंट को बताया था कि सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में विंडफाल टैक्स से लगभग 25,000 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति होगी। मल्होत्रा ने तब यह भी कहा था कि पेट्रोल के मामले में इसे पहले ही हटा दिया गया है और लेवी कच्चे तेल और उत्पादों पर तभी लागू होगी , जब अप्रत्याशित मुनाफा होगा। पिछले संशोधन के दौरान, केंद्र ने एटीएफ के निर्यात पर शुल्क समाप्त कर दिया था।