नई दिल्ली: सरकार ने आज संकेत दिए कि विपक्ष के साथ पेगासस आदि मुद्दों को लेकर सहमति बन गई है और इससे बजट सत्र के प्रथम चरण में सदन के सुचारु रूप से चलने की उम्मीद बढ़ गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सरकार की ओर से आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में ये संकेत दिये। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक में 25 दलों के नेता शामिल हुए थे।
बैठक के निष्कर्ष के बारे में चर्चा करते हुए जोशी ने कहा कि सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं से अपील की कि चूंकि बजट सत्र के प्रथम चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और आम बजट पर चर्चा होनी है और इसके लिए केवल नौ दिवस ही उपलब्ध हैं। चूंकि पेगासस का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में लंबित है और न्यायालय द्वारा गठित एक समिति इसकी जांच कर रही है। इसलिए इस समय इस मुद्दे को सदन में उठाने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि चूंकि आम बजट और राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा में सदस्य अपने मन से कोई भी विषय उठाते ही हैं, तो वैसा किया जा सकता है। चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री ही देंगे। संसदीय कार्य मंत्री से पूछा गया था कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल पेगासस, चीन की घुसपैठ, बेरोजगारी, जैसे मुद्दों को उठाने पर अडिग हैं, ऐसे में सदन के सुचारु रूप से चल पाने का विपक्ष का क्या आश्वासन है, इस पर जोशी ने कहा, “पक्का आश्वासन है। हमने कहा है कि जो कुछ भी विषय मन में आता है, उसे चर्चा में उठाया जा सकता है। प्रधानमंत्री उसका जवाब देंगे।”
एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अगंभीर हैं और इसलिए कांग्रेस को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। सत्र की कार्यवाही के विषय में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव तथा आम बजट पर 12-12 घंटे चर्चा होगी। कोविड प्रोटोकॉल के तहत राज्यसभा एवं लोकसभा की कार्यवाही अलग अलग समय करायी जा रही है।