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मोदी सरकार ने बजट से लिखी चुनावी स्क्रिप्ट, घर-पानी-इलाज से दिए 5 सियासी संदेश

नई दिल्ली: नए वित्तीय वर्ष के लिए भारत का बजट पेश हो चुका है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 का अंतिम बजट देश के सामने रखा। घोषणाओं में आयकर व्यवस्था में बदलाव से लेकर पीने के पानी और आयुष्मान भारत तक कई योजनाएं शामिल हैं। अब बड़े आवंटन वाली इन कई योजनाओं में राजनीति की झलक नजर आ रही है। समझते हैं कि कैसे सरकार के बजट में 5 बड़े सियासी संदेश भी शामिल रहे।

घर भी पानी भी और इलाज भी
बुधवार को वित्तमंत्री सीतारमण ने पीएम आवास योजना में सबसे बड़ा इजाफा किया है और 79 हजार 950 करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है। यह 2022 के 48 हजार करोड़ रुपये से 66 प्रतिशत ज्यादा है। कहा जा रहा है कि सरकार ने 2024 तक 2.94 करोड़ गरीब लोगों को घर देने का लक्ष्य रखा है। जल जीवन मिशन पर सरकार नए वित्त वर्ष में 70 हजार करोड़ रुपये घर्च करने की बात कर रही है। इसके तहत 20 करोड़ घरों में 2024 तक नल से साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। बीते बजट के मुकाबले इसबार 10 हजार करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है। कहा जा रहा है कि साल 2024 तक यह योजना भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।

आयुष्मान भारत योजना पर सरकार का पिछला बजट 6 हजार 457 करोड़ रुपये था, जिसे इसबार बढ़ाकर 7200 करोड़ रुपये किया गया है। कहा जा रहा है कि करीब 4.5 करोड़ गरीब लोग योजना के तहत हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ उठा चुके हैं। किसान सम्मान निधि के लिए सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। हालांकि, MNREGA का बजट घटाकर इस साल 60 हजार करोड़ रुपये किया गया है। जबकि, बीते बजट में यह आंकड़ा 73 हजार करोड़ रुपये था। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि विपक्षी दल सरकार को इस मुद्दे पर घेर सकते हैं।

जनजातीय मुद्दे पर खास जोर
सरकार ने नई प्रधान मंत्री पर्टिकुलर्ली वलनरेबल ट्राइबल ग्रुप्स (PMPVTG) का ऐलान किया है। खास बात है कि 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और कई जगहों जनजातीय आबादी बड़ी संख्या में है। इसके अलावा एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के लिए भी आवंटन को 5 हजार 943 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

आयकर में बदलाव
वित्तमंत्री ने कहा था, ‘7 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को नई टैक्स व्यवस्था में कोई आयकर नहीं देना होगा।’ उन्होंने बताया कि 9 लाख रुपये कमाने वाले को लेकर 45 हजार रुपये आयकर देना होगा, जो आय का 5 फीसदी हिस्सा है। उन्होंने बताया कि स्लैब में 25 फीसदी की कटौती की गई है। कहा जा रहा है कि वेतनभोगियों के बीच सरकार की यह घोषणा अहम साबित हो सकती है।

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