ब्रेकिंग

मोहन भागवत की जेड प्लस सिक्योरिटी को एएसएल लेवल में किया गया तब्दील, जानिए क्या है एएसएल लेवल :

नई दिल्ली ( विवेक ओझा) : भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के सिक्योरिटी कवर को अपग्रेड किया है। मोहन भागवत को अभी तक जेड प्लस सिक्योरिटी मिल रही थी जिसे बढ़ाकर ASL लेवल ( Advanced Security liaison protocol) किया गया है। इसके साथ ही वो उस दर्जे के सुरक्षा लेवल पर पहुंच गए हैं जो लेवल गृह मंत्री अमित शाह का है। अब भागवत को सीआईएसएफ की और अधिक कवरेज मिलेगा। अभी तक मोहन भागवत उन 10 VVIP लोगों में शामिल थे जिन्हें सीआईएसएफ वाली जेड प्लस सुरक्षा मिलती थी।

एएसएल एक बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा है। इस श्रेणी की सुरक्षा में संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभाग जैसी स्थानीय एजेंसियां शामिल होती हैं। अब जिस स्थान पर मोहन भागवत कार्यक्रम के लिए जाएंगे, वहां पहले एक टीम निरीक्षण करने जाएगी। टीम के ग्रीन सिग्नल देने के बाद ही मोहन भागवत उस कार्यक्रम में शामिल होने जाएंगे। आसान शब्दों में कहा जाए को नी सुरक्षा श्रेणी के अनुसार, सीआईएसएफ की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेंगी, जहां मोहन भागवत दौरा करेंगे।

आपको बता दें कि मोहन मधुकर भागवत (Mohan Madhukar Bhagwat) एक राष्ट्रवादी नेता हैं और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छठे सरसंघचालक ( 6th Sarsanghchalak of RSS)के रूप में मार्च 2009 से कार्यरत हैं। वह के. एस सुदर्शन (K S Sudarshan) के उत्तराधिकारी बने और गुरु गोलवलकर (Guru Golwalkar) और डॉ के.बी. हेडगेवार (K B Hedgewar) के बाद सबसे कम उम्र के आरएसएस प्रमुख बने। भागवत के सरसंघचालक बनने के बाद भाजपा (BJP) को कई चुनावों में भारी सफलता मिली। उन्होनें 2019 में सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में भी स्थान पाया।भागवत का जन्म 11 सितंबर 1950 को महाराष्ट्र के चंद्रपुर (Chandrapu, Maharashtra) में हुआ था। वह मधुकर राव भागवत और मालती भागवत के पुत्र हैं। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं और अविवाहित है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृहनगर लोकमान्य तिलक विद्यालय से पूरी की। नागपुर के जनता कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की। उन्होंने नागपुर में ही सरकारी पशु चिकित्सा कॉलेज में अपना नामांकन कराया। उन्होनें अपनी प्रारंभिक जीवन आरएसएस को समर्पित किया और 1975 में एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में संगठन में शामिल हो गए।

उन्हें 1977 में महाराष्ट्र में अकोला का प्रचारक बनाया गया और 1991 से 1999 तक अखिल भारतीय शारिक प्रमुख (शारीरिक प्रशिक्षण के प्रभारी) के रूप में कार्य किया। बाद में उन्हें भारत के लिए पूर्णकालिक रूप से काम करने वाले आरएसएस स्वयंसेवकों के प्रभारी के रूप में पदोन्नत किया गया था। 2000 में उन्हें आरएसएस के महासचिव के रूप में चुना गया था और 21 मार्च 2009 को मुख्य कार्यकारी के रूप में नियुक्त किया गया। भारत सरकार द्वारा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश देने के बाद 2015 में भागवत को Z+ VVIP सुरक्षा कवर दिया गया था। 2017 में वह भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति भवन में आधिकारिक रूप से आमंत्रित होने वाले पहले आरएसएस प्रमुख बने थे।

Related Articles

Back to top button