मोहिनी एकादशी: श्रीहरि विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा का महत्व, जानें मुहूर्त
नई दिल्ली : वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. सृष्टि को असुरों से बचाने के लिए इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था. यह एकादशी समस्त पाप और दुखों का नाश करने वाली तथा सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देने वाली मानी गई है. मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के व्रत के प्रताप से व्यक्ति सभी मोह के जाल से मुक्त होकर बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त करता है.
इस साल मोहिनी एकादशी व्रत 1 मई 2023, सोमवार को रखा जाएगा. इस दिन व्रती को भगवान विष्णु के मोहिनी रुप की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है ऐसा करने से हजार गौदान के समान फल मिलता है.
पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 अप्रैल 2023 को रात 08 बजकर 28 मिनट पर होगी और अगले दिन 01 मई 2023 को रात 10 बजकर 09 मिनट पर इसका समापन होगा. इस दिन शुभ मुहूर्त में श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए.
पूजा मुहूर्त - सुबह 09.00 - सुबह 10.39 (1 मई 2023)
मोहिनी एकादशी 2023 व्रत पारण समय
मोहिनी एकादशी के व्रत का पारण 2 मई 2023 को सुबह 05 बजकर 40 से सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर किया जाएगा. एकादशी व्रत पारण द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला था तब भगवान विष्णु ने दैत्यों से इसकी रक्षा करने के लिए मोहिनी एकादशी तिथि पर मोहिनी का रूप धारण किया था और असुरों को अपने मोह मायाजाल में फंसा कर सभी देवताओं को अमृतपान करवाया था. वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार त्रेता युग में जब पत्नी वियोग में दुखी थे तो महर्षि वशिष्ठ के कहने से श्री राम ने भी इस व्रत को किया था, कहते हैं इससे उनके दुखों का नाश हुआ और माता सीता की खोज बेहतर ढंग से कर पाए. इंसान से अंजाने में हुई पापों का प्राश्यचित करने के लिए भी मोहिनी एकादशी का व्रत बहुत शुभ होता है.