महाराष्ट्र: NCP विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज, ठाणे कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर
मुंबई. पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है। इसके बाद आव्हाड ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि वह “फर्जी” मामलों के मद्देनजर विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।
वहीं, गिरफ्तारी से बचने के लिए जितेंद्र आव्हाड ने ठाणे कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इस मामले पर कल सुनवाई होगी।पड़ोसी ठाणे जिले में मुंब्रा पुलिस ने सोमवार को आव्हाड के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि आव्हाड ने रविवार की शाम मुंब्रा में मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के बाद भीड़ के तितर-बितर होने के दौरान अपने लिए रास्ता बनाते हुए उसे धक्का दिया था। आव्हाड महाराष्ट्र में ठाणे जिले की मुंब्रा-कलवा सीट से विधायक हैं।
आव्हाड ने सोमवार को ट्वीट किया, “पुलिस ने मेरे खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत आरोपों सहित दो फर्जी शिकायतें दर्ज कीं। मैंने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं अपने खिलाफ ऐसे पुलिस अत्याचार के खिलाफ लड़ूंगा। मैं अपनी आंखों के सामने लोकतंत्र की हत्या नहीं देख सकता।” बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के आरोप किसी का पारिवारिक जीवन तबाह कर देते हैं।
गौरतलब है कि आव्हाड को शुक्रवार को तब गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने और उनके समर्थकों ने ठाणे शहर में एक मॉल के अंदर एक मल्टीप्लेक्स में मराठी फिल्म “हर हर महादेव” के एक शो का प्रदर्शन रोक दिया था। उनका आरोप था कि फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। शनिवार को एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।
उधर, राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को आगे आकर यह बताना चाहिए कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था क्योंकि वह उस वक्त मौजूद थे जब रविवार शाम को ठाणे जिले के मुंब्रा में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद भीड़ को तितर-बितर किया जा रहा था।
पवार ने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि जिस तरह से यह मामला (आव्हाड के खिलाफ) दर्ज किया गया है वह गलत है, उसे वापस लिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कार्यक्रम में थे और आव्हाड भी कार्यक्रम में मौजूद थे। वह वीडियो में लोगों को (रास्ता बनाने के लिए) एक तरफ होने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं और महिला को एक तरफ करने की कोशिश करते दिख रहे हैं। और कुछ नहीं हुआ। इस तथ्य के बावजूद कि शिंदे मौके से सिर्फ 10 मीटर दूर थे, इस तरह का अपराध दर्ज किया गया।”
पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री को आगे आना चाहिए और बताना चाहिए कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि चाहे वह मुख्यमंत्री कैसे भी बने हों लेकिन वह राज्य के 13 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आव्हाड की पत्नी रुता आव्हाड ने कहा, “शिकायतकर्ता महिला जमानत पर बाहर है। और चार घंटे के बाद उसे पता चला कि उसकी गरिमा भंग हुई है?” राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आव्हाड को जानबूझकर निशाना बनाया है।
आव्हाड के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने वाले पाटिल ने दावा किया, “शिकायतकर्ता महिला ने आव्हाड के खिलाफ मामला दर्ज होने से पहले मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात की थी।” उन्होंने कहा, “उन्होंने (आव्हाड) इस्तीफा दिया है। हम इस मुद्दे पर राकांपा प्रमुख शरद पवार से चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे। आव्हाड परेशान हैं। वह किसी भी अन्य आरोप से लड़ सकते हैं, लेकिन ऐसे आरोप के खिलाफ नहीं जो उन पर लगाए गए हैं।” उन्होंने कहा कि यह सोचने की जरूरत है कि राज्य में कैसी सरकार है। आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अंजलि दमनिया ने ट्वीट किया, “मैंने पहले भी कई बार आव्हाड के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। हालांकि, उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं।”