इस देश में साइबर क्राइम पर बड़ा एक्शन, 3 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार, 105 भारतीय भी शामिल

नई दिल्ली: भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल फ्रॉड और साइबर अपराध के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक अभूतपूर्व कूटनीतिक और सुरक्षा अभियान चलाया, जिसके तहत कंबोडिया में अंतरराष्ट्रीय ठगों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। इस संयुक्त ऑपरेशन के तहत 15 दिनों में 3,075 ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 105 भारतीय नागरिक भी शामिल हैं।
ठगों का गढ़ बना था कंबोडिया, भारत सरकार की पहल से हुआ पर्दाफाश
पिछले कुछ वर्षों से भारत में लाखों लोग ऑनलाइन स्कैम, फिशिंग कॉल्स, और फेक इन्वेस्टमेंट ऐप्स के जरिए ठगी के शिकार हो रहे थे। गृह मंत्रालय को मिली इनपुट्स से यह पता चला कि इन घोटालों का संचालन भारत के बाहर, विशेष रूप से कंबोडिया से किया जा रहा था। इसके बाद गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने मिलकर कंबोडिया सरकार से इस पर ठोस कार्रवाई की मांग की।
कंबोडिया सरकार ने भारतीय अधिकारियों के सहयोग से देशभर में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान शुरू किया, जिसमें 138 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ रेड की गई।
गिरफ्तार हुए स्कैमर्स: चीन, वियतनाम, पाकिस्तान, भारत समेत कई देशों के नागरिक शामिल
इस व्यापक अभियान के दौरान गिरफ्तार किए गए 3,075 स्कैमर्स में विविध राष्ट्रीयताओं के लोग शामिल हैं:
1,028 चीनी नागरिक
693 वियतनामी
366 इंडोनेशियाई
105 भारतीय
101 बांग्लादेशी
82 थाई
57 दक्षिण कोरियाई
81 पाकिस्तानी
13 नेपाली
4 मलेशियाई
इसके अतिरिक्त फिलीपींस, नाइजीरिया, रूस, युगांडा, म्यांमार आदि देशों के नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 606 महिलाएं भी शामिल हैं।
भारी मात्रा में डिजिटल उपकरण, नकली पुलिस यूनिफॉर्म और ड्रग्स बरामद
छापेमारी के दौरान कंबोडियाई पुलिस ने हजारों की संख्या में कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, सिम कार्ड, और हाई-टेक सर्वर सिस्टम जब्त किए। इसके अलावा जो चीजें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली थीं, वे थीं:
भारतीय और चीनी पुलिस की नकली वर्दियां
फर्जी ID कार्ड और सरकारी दस्तावेज
ड्रग्स और हथियारों का जखीरा
इन सामग्रियों से यह साफ संकेत मिला है कि ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते थे और विश्वास में लेकर ठगी करते थे।
भारत का साइबर सुरक्षा ढांचा हुआ सक्रिय, कार्रवाई जारी
भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने इस ऑपरेशन को “Cross-Border Cyber Crackdown” का नाम दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह सिर्फ पहली लहर है और अभी कई अन्य नेटवर्क की पहचान की जा रही है। भारत में भी इन गिरोहों के लिंक तलाशे जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार: “यह भारत और कंबोडिया के बीच अभूतपूर्व सहयोग का उदाहरण है। यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि वे कहीं भी हों, भारत उन्हें ढूंढ़ निकालेगा।”
क्या कहता है यह मामला भारत की साइबर सुरक्षा नीति के बारे में?
यह कार्रवाई बताती है कि भारत अब केवल डिफेंसिव साइबर स्ट्रैटेजी तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रोएक्टिव और इंटरनेशनल डिप्लोमैटिक साइबर इन्फोर्समेंट का मार्ग अपना रहा है।
यह पहली बार है जब भारत ने विदेश में बैठकर ठगी करने वालों पर इतनी बड़ी कार्रवाई करवाई है।