उत्तराखंडराज्य

पुरोला में पोस्टरों के बाद अल्पसंख्यक समुदाय की 40 से अधिक दुकानें बंद, इलाके में पीएसी तैनात

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में 26 मई को अल्पसंख्यक समुदाय के दो युवकों ने नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश की थी। पुलिस ने दोनों युवकों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट में केस दर्ज कर जेल भेज दिया है। इस कांड के बाद से ही अल्पसंख्यक समुदाय की दुकानों पर पोस्टर चिपके हुए मिले हैं। पोस्टरों में उन्हें धमकी देते हुए तुरंत पुरोला छोड़कर जाने के लिए कहा गया है। यह पोस्टर आक्रोशित स्थानीय लोगों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को चेतावनी स्वरुप लगाए गए हैं। इस घटना के करीब दो हफ्ते बाद भी शहर में तनाव कम नहीं हुआ है और बाजार में धर्म विशेष के लोगों की लगभग 40 दुकानें बंद हैं।

पुरोला के थाना प्रभारी खजान सिंह चौहान ने कहा कि रविवार देर शाम दुकानों पर ये पोस्टर चिपकाए गए पोस्टरों में मुस्लिम व्यापारियों को 15 जून तक अपनी दुकानें खाली करने और पुरोला छोड़ने के लिए कहा गया है। 15 जून को ‘देवभूमि रक्षा अभियान’ द्वारा ‘महापंचायत’ भी आयोजित की जाएगी।

मामले की गम्भीरता और दंगा होने की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है। कानून व्यवस्था शांतिपूर्ण ढंग से बनी रहे, इसके लिए पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने गुरुवार से उत्तरकाशी में पीएसी की प्लाटून भी तैनात करवा दी है। पुरोला व्यापार मंडल ने क्षेत्रीय जनता में आक्रोश एवं सुरक्षा कारणों का हवाला देकर यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि स्थानीय लोग खुद ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दुकानें किराए पर देते हैं।

वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी एवं कांग्रेस नेता दीपक बिजल्वाण ने भी ऐलान किया कि जनपद उत्तरकाशी गांव-गांव में सामान बेचने के लिए जाने वाले फेरी संचालकों को जिला पंचायत अनुमति नहीं देगा। बाहरी व्यापारियों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले स्थानीय व्यापारियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए और क्षेत्र में हो रहे बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार अपराध पर लगाम लगाने हेतु दीपक बिजल्वाण ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे लोग बाहरी व्यक्तियों को दुकान किराये पर न दें।

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