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SIR अभियान से 40 साल बाद बिछड़ा बेटा लौटा गांव, देखते ही मां हुई भावुक

भीलवाड़ा : देश के कई राज्यों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को भावुक कर दिया। भीलवाड़ा जिले के करेड़ा तहसील के जोगीधोरा गांव के रहने वाले उदय सिंह रावत लगभग 40 साल पहले लापता (Missing) होने के बाद अपने परिवार से फिर मिल गए। वर्ष 1980 में, उदय सिंह आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। गर्मियों की छुट्टियों में अपने परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे कमाने के लिए घर से बाहर गए थे। वे छत्तीसगढ़ में एक निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करने लगे। वहीं, एक सड़क दुर्घटना में उनकी याददाश्त चली गई, जिसके बाद उदय सिंह अपने गांव और परिवार को पूरी तरह से भूल गए। उनके परिजन दशकों तक उन्हें खोजते रहे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

उदय सिंह के भाई हेमसिंह रावत ने बताया कि शुरुआत में विश्वास करना कठिन था। लेकिन जब उदय ने परिवार की व्यक्तिगत यादों और बचपन की बातें बताईं, तो उन्हें यकीन हो गया कि सामने उनका ही भाई खड़ा है। पहचान की अंतिम पुष्टि तब हुई जब उदय सिंह की मां चुनी देवी रावत ने बेटे के माथे और सीने पर बचपन में बबूल की टहनी से लगे हुए पुराने घावों के निशान देखे। घावों का मिलान होते ही ममता से ओत-प्रोत चुनी देवी ने बेटे के माथे को चूमा और कहा, “यो ही म्हारो उदय… मेरो लाल मिल गयो।” यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए अत्यंत भावुक कर देने वाला था।

पहचान होते ही पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। परिजन और ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों और डीजे के साथ जुलूस निकालकर उदय सिंह का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें घर ले जाया गया। उदय सिंह ने भी इस पुनर्मिलन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि एक्सीडेंट के बाद उनकी स्मृतियां चली गई थीं और वह चुनाव आयोग के SIR अभियान के चलते ही परिवार से जुड़ पाए हैं।

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