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अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में सास और साला फरार, घर में ताला लगाकर भागे

नई दिल्ली: बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष के परिवार का मामला लगातार सुर्खियों में है। 9 दिसंबर को आत्महत्या करने से पहले अतुल ने अपनी पत्नी, ससुरालवालों और न्याय व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब इस मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया पर केस दर्ज किया गया है।

सास और साला हुए फरार
अतुल सुभाष की पत्नी निकिता की मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को बुधवार की रात मीडिया के सवालों से बचते हुए घर से फरार होते हुए देखा गया। जौनपुर शहर कोतवाली के पास स्थित उनके घर से दोनों ने ताला लगाकर रात के अंधेरे में भागने का निर्णय लिया। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे सवाल किए, तो निशा सिंघानिया ने चुपचाप हाथ जोड़ते हुए बिना कुछ बोले बाइक पर बैठकर भागने की कोशिश की।

अतुल का आत्महत्या से पहले का वीडियो
अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले एक डेढ़ घंटे का वीडियो बनाकर अपने ससुराल वालों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। वीडियो में उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और अन्य रिश्तेदारों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे और उनके उत्पीड़न के कारण वह मानसिक रूप से परेशान थे। अतुल ने साथ ही अपने परिजनों से कहा था कि यदि न्याय नहीं मिलता तो उनकी अस्थियों को गटर में बहा दिया जाए।

जज पर भी गंभीर आरोप
अतुल सुभाष ने वीडियो में जौनपुर की एक महिला जज पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उनके मुताबिक, जज ने उनसे रिश्वत की मांग की और तीन करोड़ रुपये का दबाव डाला था। अतुल ने यह भी आरोप लगाया कि जज ने उनसे पांच लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, और यदि वह भुगतान नहीं करते तो उनके खिलाफ मामले में कड़ा निर्णय लिया जाता।

पुलिस की कार्रवाई
अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनके परिवार के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने, दहेज उत्पीड़न और अन्य आरोपों के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने निकिता, उनकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया है।

निकिता सिंघानिया का बयान
इससे पहले, निशा सिंघानिया ने मीडिया से बात करते हुए आरोपों को पूरी तरह से नकारा था। उन्होंने कहा था कि अतुल ने अपनी परेशानी को उनका नाम लेकर पूरे परिवार पर आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी कभी किसी को आत्महत्या के लिए नहीं उकसा सकती।

सुसाइड नोट और न्याय की मांग
अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार ससुराल पक्ष और न्याय व्यवस्था को ठहराया। वह चाहते थे कि उनके उत्पीड़कों को सजा मिले और यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनके परिजन उनकी अस्थियों को गटर में बहा दें। अतुल की आत्महत्या के बाद यह मामला तूल पकड़ चुका है और बेंगलुरु पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक टीम जौनपुर भेजी है।

मीडिया का दबाव और परिवार की चुप्पी
इस पूरे मामले में मीडिया का दबाव लगातार बना हुआ है। 9 दिसंबर को हुई आत्महत्या के बाद से ही मीडिया टीम निकिता सिंघानिया के घर के बाहर लगातार खड़ी रही, लेकिन परिवार की ओर से कोई बयान नहीं आया। मामले को लेकर पुलिस की जांच जारी है और इस घटना के पीछे के कारणों को जानने के लिए अधिकारियों ने गहन छानबीन शुरू कर दी है।

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