कुरीति मिटाने सास-ससुर ने कराया बहू का पुनर्विवाह, जानिए वजह
अंबाह : इकलौते बेटे का शादी के पांच साल बाद ही हृदयघात से निधन हो गया। जिस बहू को डोली में दुल्हन की तरह विदा कराकर लाए, उसके जीवन के तो जैसे सपने पूरी तरह चकनाचूर हो गए। हम पति-पत्नी कितना जिएंगे, उसके बाद अकेली बहू को कौन संभालेगा। इसलिए हमने उसका पुनर्विवाह तय कर दिया। जब यह बात नाते-रिश्तेदारों को पता चली तो उन्होंने काफी भला-बुरा कहा, नाराजगी जताई कि ‘इससे पहले अपने यहां ऐसा कभी नहीं हुआ’ यह क्या अनर्थ करने जा रहे हो, लेकिन हमने तय कर लिया था कि बहू भी बेटी के समान है। हम इसका घर बसाकर ही दम लेंगे। आज हमारी बेटी रूपी बहू का फिर से घर बस गया, तो हमारी आत्मा को सुकून मिल गया।’ यह कहना है बीएसएफ से रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह तोमर निवासी ग्राम महासुख का पुरा हाल निवासी अंबाह का।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हार्ट अटैक से मौतरिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह ने बताया कि 20 फरवरी 2015 को हमने अपने इकलौते बेटे भूपेंद्र सिंह उर्फ गुड्डू की दिल्ली में रहने वाली टीनू से शादी कराई थी। दुर्भाग्य से हमारे इकलौते बेटे का 28 अक्टूबर 2020 को हार्ट अटैक से निधन हो गया। अब बहू टीनू के पिता-भाई हैं नहीं। मैं व मेरी पत्नी पुष्पा भी कब तक जिंदा रहेंगे, उसके बाद बहू का क्या होगा। यही सोचकर हमने अपनी बहू के लिए छोटे भाई गंभीर सिंह के बेटे श्यामू के साथ उसकी शादी तय की। आज बहू का घर बस गया। यहां बता दें कि टीनू के पुनर्विवाह में उसके बुआ-फूफा ने कन्यादान किया और पूरा अंबाह कस्बा उसका गवाह बना।
24 साल की टीना अब तक सफेद लिबास में ही नजर आती थी, लेकिन मंगलवार को जब उसने शादी का जोड़ा पहना तो उसकी आंखों में आंसू भर आए। बुआ-फूफा, सास-ससुर की मौजूदगी में जब उसका पुनर्विवाह हुआ तो वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर भी इस शादी की चर्चा थी। लोग खुले दिल से तोमर दंपति के प्रयास की सराहना करते हुए कह रहे थे कि उनका यह प्रयास मुरैना जैसे ग्रामीण परिवेश में नि:संदेह मील का पत्थर साबित होगा।