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पड़ोसन के पास बेटे को छोड़ गई मां, 10 साल बाद मांगा वापस, जानें कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली: दिल्ली की अदालत में एक दिलचस्प मामला सामने आया है. दरअसल, बच्चे को जन्म देने वाली महिला उसे छोड़कर लापता गई थी और पड़ोस में रहने वाली एक अन्य महिला ने उस 10 माह के बच्चे का पालन-पोषण किया, लेकिन अब वह महिला जो कि वास्तव में बच्चे की मां है, दस साल बाद लौट आई है और अपने बेटे को वापस मांग रही है. वहीं, बच्चे को अपने बेटे की तरह पालने वाले दंपती ने उसे उसका बच्चा वापस करने से इनकार कर दिया है.

इसके बाद बच्चे की मां ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी. फिर पुलिस ने बच्चे को बाल सुधार समिति को सौंप दिया. हैरान करने वाली बात यह है कि महिला फिर से दोबारा लापता हो गई. लाइव हिन्दुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कोर्ट की तरफ से कई बार महिला को हाजिर होने का नोटिस दिया गया, लेकिन पुलिस ने अदालत को बताया कि महिला ने गलत पता लिखवाया था. पुलिस ने कोर्ट से यह भी कहा कि महिला का मोबाइल नंबर भी बंद है और इसी वजह से बच्चे को सात महीने तक बाल गृह में रखना पड़ा.

पुलिस शिकायत के बाद बच्चे को पालने वाले दंपती ने उसे अपने पास रखने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कड़कड़डूमा स्थित परिवार अदालत के एडिशनल प्रिंसिपल जज अजय पांडे की अदालत ने पुलिस को निर्देश दिए कि बच्चे को बालगृह से लाकर कोर्ट में पेश किया जाए. फिर बच्चे ने कहा कि वह अपने माता-पिता से मिलना चाहता है. इसके बाद जज ने जब बच्चे से माता-पिता का नाम पूछा, तो उसने उस दंपती का नाम लिया, जिन्होंने उसे पाल-पोसकर बड़ा किया था. बच्चे ने असली मां को पहचानने से इनकार कर दिया.

बच्चे का पालन-पोषण करने वाली महिला ने बताया कि जो महिला बच्चे पर अपना दावा कर रही है, दरअसल वही असल में उसकी मां है. महिला ने घटना के बारे में कहा, ’10 साल पहले वह महिला पड़ोस में किराए के मकान में रहती थी और उसका पति कहीं बाहर काम करता था. 12 अक्टूबर 2012 को महिला मेरे घर आई और यह कहकर कि वो थोड़ी देर में आ जाएगी, अपने 10 माह के बच्चे को छोड़ गई, लेकिन वह फिर वापस नहीं लौटी.’

महिला ने आगे बताया, ‘हमने महिला और बच्चे के बारे में संबंधित थाने की सूचना भी दी. इसके बाद उस बच्चे का भी पालन-पोषण हम अपने दो बच्चे की तरह करने लगे. लेकिन अगस्त, 2022 में वह महिला अचानक लौट आई और जिद करने लगी कि वह अपने बच्चे को साथ ले जाएगी.’ अंत में मामला कोर्ट पहुंचा, जहां से बच्चे को उसी दंपती को सौंप दिया गया, जिन्होंने उसे पाला था.

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