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MP के बालाघाट में पटाखा फैक्ट्री में धमाका, जिंदा जल गए लोग
भोपाल/बालाघाट: बालाघाट से 8 किमी दूर गांव खैरी में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके से 22 लोग जिंदा जल गए। गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को नागपुर, जबकि आठ अन्य को बालाघाट के अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। घायलों में से तीन ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस तरह से मरने वालों की संख्या 25 हो गई हैं। गुरुवार को हीरापुर में एक साथ 21 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। पढ़ें पूरी खबर…
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प्रशासन देगा 2-2 लाख रुपए की राहत राशि
हादसे के वक्त फैक्ट्री में 47 मजदूर काम कर रहे थे। प्रशासन ने शाम तक 22 मौतों की पुष्टि की है। हालांकि, प्रशासन का मानना है कि मृतक संख्या और बढ़ सकती है। उधर, जिला प्रशासन ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रु. की राहत राशि देने की घोषणा की है।
एक झोपड़ीनुमा परिसर में चल रही थी फैक्ट्री
पुलिस के अनुसार, लाइसेंस लेकर एक झोपड़ीनुमा परिसर में चल रही फैक्ट्री में बुधवार दोपहर करीब तीन बजे धमाका हुआ। यह इतना जोरदार था कि दो किमी दूर तक आवाज सुनाई दी। सूचना पर कलेक्टर भरत यादव और एसपी अमित सांघी भी मौके पर पहुंचे। इससे पहले वर्ष 2015 में भी जिले के किरनापुर में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था। इसमें तीन श्रमिकों की मौत हो गई थी।
500 मीटर तक बिखरे पड़े थे शव, पहचान करने में आ रही मुश्किल
ग्रामीणों ने बताया कि धमाके के बाद शव आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र में बिखर गए। हालात इतने भयावह थे कि शवों की पहचान भी मुश्किल हो रही थी। फैक्ट्री में अधिकतर महिलाएं ही काम कर रही थीं। मौके के हालात देखकर ग्रामीण बदहवास से हो गए। दमकल वाहन और पुलिस बल के साथ ग्रामीणों ने मिलकर आग को काबू किया इसके बाद शवों को निकाला। शव के अंग भंग हो जाने से मृतकों की सही संख्या का पता देर रात तक नहीं चल सका है। वहीं प्रशासन फैक्ट्री में काम करने वालों के नाम पता करने में जुटा रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि धमाके के बाद शव आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र में बिखर गए। हालात इतने भयावह थे कि शवों की पहचान भी मुश्किल हो रही थी। फैक्ट्री में अधिकतर महिलाएं ही काम कर रही थीं। मौके के हालात देखकर ग्रामीण बदहवास से हो गए। दमकल वाहन और पुलिस बल के साथ ग्रामीणों ने मिलकर आग को काबू किया इसके बाद शवों को निकाला। शव के अंग भंग हो जाने से मृतकों की सही संख्या का पता देर रात तक नहीं चल सका है। वहीं प्रशासन फैक्ट्री में काम करने वालों के नाम पता करने में जुटा रहा।
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फैक्ट्री में थे 47 मजदूर, इनमें ज्यादातर महिलाएं
झोपड़ी में चलाई जा रही इस फैक्ट्री में हादसे के वक्त 47 मजदूर काम कर रहे थे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। हादसे से फैक्ट्री के परखच्चे उड़ गए। प्रशासन ने देर शाम तक 22 शव बरामद कर लिए थे। मौके पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, मृतकों की संख्या 25 से अधिक भी हो सकती है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
देर रात तक 22 शव मिल चुके हैं। अब भी बचाव और राहत का काम चल रहा है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। गंभीर रूप से घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद नागपुर रेफर किया गया है। -अमित सांघी, एसपी, बालाघाट
देर रात तक 22 शव मिल चुके हैं। अब भी बचाव और राहत का काम चल रहा है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। गंभीर रूप से घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद नागपुर रेफर किया गया है। -अमित सांघी, एसपी, बालाघाट
बिना अनुमति रखा था 100 क्लिंटल से ज्यादा बारूद
फैक्ट्री के संचालक को केवल 100 क्विंटल बारूद रखने और पटाखा बनाने की अनुमति थी। लेकिन बिना पुख्ता इंतजाम के संचालित हो रही यह फैक्ट्री इतने बड़े हादसे का कारण बन गई। फैक्ट्री का मालिक रज्जू वारिस फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
फैक्ट्री के संचालक को केवल 100 क्विंटल बारूद रखने और पटाखा बनाने की अनुमति थी। लेकिन बिना पुख्ता इंतजाम के संचालित हो रही यह फैक्ट्री इतने बड़े हादसे का कारण बन गई। फैक्ट्री का मालिक रज्जू वारिस फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।