कोर्ट से फिर सांसद आजम खान को मिला झटका, गवाह से जिरह का अवसर किया खत्म
रामपुर: एमपी-एमएलए की कोर्ट ने सपा सांसद आजम खां के अधिवक्ताओं को एक और झटका दिया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष द्वारा गवाह से जिरह के लिए और वक्त मांगने का प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए जिरह का अवसर खत्म कर दिया और दूसरे गवाहों को तलब कर लिया। सपा सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां के दो जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और पैन कार्ड के मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। इन तीनों मामलों में चार्ज फ्रेम किए जा चुके हैं। साथ ही गवाही शुरू हो चुकी है।
सपा सांसद के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर इन केसों को मजिस्ट्रेट ट्रायल का बताकर इसकी सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में कराने की मांग रखी थी। इस पर कोर्ट ने गत दिवस बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र खाजिर करते हुए इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में करने का आदेश दिया था। इसके आदेश के बाद कोर्ट ने गवाही के लिए सेंट पॉल्स स्कूल के प्रधानाचार्य को बुलाया था। इस मामले में बुधवार को प्रधानाचर्य मनोज पाठक पेश हुए, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से कल भी स्थगन प्रार्थना पत्र देते हुए समय की मांग रखी थी। कोर्ट ने बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को जिरह का अंतिम मौका दिया था।
इसी क्रम में गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में गवाह सेंट पॉल्स स्कूल के प्रधानचार्य मनोज पाठक पेश हुए, जहां बचाव पक्ष को उनसे जिरह करनी थी, लेकिन गुरुवार को बचाव पक्ष की ओर से एक बार फिर वक्त की मांग रखी गई। इस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। एडीजीसी प्रताप सिंह मौर्य के अनुसार एमपी-एमएलए की कोर्ट ने बचाव पक्ष का प्रार्थना खारिज करते हुए जिरह का अवसर खत्म कर दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही जन्म प्रमाण पत्र के मामले में नगर पालिका परिषद के उप रजिस्ट्रार तेजपाल वर्मा को तलब किया है। जन्म प्रमाण पत्र के मामले में एक नवंबर को सुनवाई होगी, जबकि पासपोर्ट मामले में सिविल लाइंस थाने के सिपाही अखिलेश को तलब किया है। इस मामले की सुनवाई तीन नवंबर को होगी।