भोपाल: मध्य प्रदेश में जीएसटी चोरी रोकने के लिए उपभोक्ताओं की मदद ली जाएगी। उपभोक्ताओं को वाणिज्यिक कर विभाग के पोर्टल पर सामान खरीदी का बिल अपलोड करना होगा। इसके लिए शर्त यह है कि 200 रुपये से कम की खरीदी नहीं होनी चाहिए। इस तरह खरीदी की सीमा के आधार पर चार श्रेणी में पुरस्कारों को बांटा गया है।
पुरस्कार के रूप में उनकी बिल राशि का 10 से 25 प्रतिशत तक हिस्सा दिया जाएगा। इस योजना से जीएसटी कर चोरी करने वाले भी डरे रहेंगे कि उनका बिल विभाग देख रहा है।सरकार ने यह योजना 2018 में शुरू की थी, पर प्रचार-प्रसार के अभाव में सफल नहीं हुई तो फिर नए सिरे शुरू की गई है। इसके लिए अलग से मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। वाणिज्यिक कर विभाग के पोर्टल (mptax.mp.gov.in/) पर दिए गए लिंक से पुरस्कार के लिए जानकारी भर सकते हैं। यह योजना पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी एवं शराब की खरीदी पर लागू नहीं होगी।
चार पुरस्कारों की श्रेणी
प्रथम पुरस्कार : बिल की राशि 200 रुपये से 20 हजार रुपये तक होने पर। इसमें तीन क्रेताओं को उनकी बिल राशि का 25 प्रतिशत पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा।
द्वितीय पुरस्कार : बिल राशि 20,001 रुपये से 50 हजार तक होने पर। तीन क्रेताओं को उनकी बिल राशि का 20 प्रतिशत पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा।
तृतीय पुरस्कार : बिल की राशि 50,001 रुपये से एक लाख रुपये तक होने पर। इसमें तीन क्रेताओं को उनकी बिल राशि का 15 प्रतिशत पुरस्कार मिलेगा।
चतुर्थ पुरस्कार : बिल की राशि एक लाख रुपये से अधिक होेन पर। तीन क्रेताओं को बिल राशि का 10 प्रतिशत या 20 हजार रुपये जो भी कम हो देय होगा।
इनका कहना है
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना से विभाग को कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी एवं आम जनता को भी पुरस्कार के रूप में लाभ होगा। लोगों में जागरुकता भी आएगी। वह खरीदी के बिल लेने के लिए प्रेरितं होंगे, जिससे व्यापारी को अपना टर्नओवर पूरा दिखाना पड़ेगा एवं कर का भुगतान भी करना पड़ेगा।
मृदुल आर्य, अध्यक्ष टैक्स ला बार एसोसिएशन, भोपाल