मध्य प्रदेशराज्य

MP: हाईकोर्ट ने एमपी के नर्सिंग कॉलेजों के फर्ज़ीवाड़े की जांच CBI को सौंपी

ग्वालियर : एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े का मामला CBI को सौंप दी है (MP Nursing College Scam). जाहिर है इससे नर्सिंग काउंसिल, जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी और मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी.

नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपने के कई मायने हैं, प्रथमदृष्टया कोर्ट ने मान लिया है कि मामले में गड़बड़ियां हुई हैं (MP Nursing Colleges Scam) तभी कोर्ट ने जांच के लिए देश की सबसे बड़ी एजेंसी को आदेश दिया है. आदेश के मुताबिक CBI तीन महीने के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी. कोर्ट ने बेदह सख्त लहजे में कहा है कि जांच में समय का खास ख्याल रखा जाए और इसके लिए तीन महीने का वक्त मुकर्रर किया गया है. इस दौरान कोर्ट में जांच एजेंसी अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी.

हाईकोर्ट में आज चिकित्सा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन पेश हुए थे. साथ ही CBI के अधिकारी भी पहुंचे. इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव समेत कई और अधिकारी भी आए. गौरतलब है कि 35 नर्सिंग कॉलेजों की गड़बड़ी के बाद भोपाल पुलिस को रिकोर्ड जब्त करने के कोर्ट ने आदेश दिए थे. इससे पहले प्रदेश में गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों के मामले में राज्य शासन ने प्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को निलंबित कर दिया था. जिसमें भोपाल के भी आठ नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं.

सत्र 2019-20 में मध्य प्रदेश में 520 कालेजों को संबद्धता दी गई थी। मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने इन्हे मान्यता दी थी जिनमें से कम से कम 35-36 कालेज ग्वालियर चंबल अंचल के शामिल हैं. मध्य प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता कोर्ट में पहुंचे थे और उन्होने भी रिकार्ड के संबंध में हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दी थी. जिसमें महाधिवक्ता ने मामले में गड़बड़ियां के संबंध में कई तथ्य बताए थे. आज हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने DME, इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव के साथ ही CBI के अधिकारी को कोर्ट में फिजिकली मौजूद रहने के लिए कहा था.

शिकायत के मुताबिक एमपी में नर्सिंग कालेजों को मान्यता देने में कई स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं. इस मामले में ग्वालियर चंबल अंचल के 36 कालेजों ने सत्र 2019-20 के का नामांकन कैंसिल कराने की मांग की है. साथ ही स्टूडेंट्स का फिर से एग्जाम लेने की भी मांग अपनी याचिका में की है. हाईकोर्ट ने पहले ही कालेजों के रिकार्ड में गड़बड़ी पर नाराजगी जताई थी और भोपाल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर शैलेंद्र चौहान ने एफिलिएशन के सारे रिकार्ड जब्त किए थे. बाद में इन्हे कोर्ट में पेश भी किया गया.

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