उत्तर प्रदेशगोरखपुरराजनीतिराज्य

ड्राई पोर्ट : सांसद रवि किशन ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, ये है माजरा

गोरखपुर : गोरखपुर में ड्राई पोर्ट खोलने के लिए सांसद रवि किशन ने कवायद तेज कर दी है। इसके लिए सांसद ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और रेल मंत्री को पत्र लिखा है।

ड्राई पोर्ट खुलने से व्यापारियों को राहत मिलेगी और गोरखपुर व पूर्वान्चल के दस जिलों से होने वाले 120 से अधिक वस्तुओ के निर्यात में सुगमता आएगी। गोरखपुर में ड्राई पोर्ट की स्थापना के लिए सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार को सितम्बर माह में ही पत्र लिखा था। जिस पर अमल करते हुए केंद्र सरकार ने अधिकारियों को ज़मीन के सर्वे के लिए निर्देशित किया है।

गोरखपुर सहित 10 जिलों में ओडीओपी के अंतर्गत, रेडीमेड गारमेन्ट, काला नमक, फल,सब्जियों व निषाद समाज के लोगों को मछलियों आयात व निर्यात में सुविधा मिलेगी। उत्पाद विदेश भेजने में कम टाइम लगेगा, पोर्ट पर जांच के बाद कंटेनरों ‌ को सील करने में समय की बचत होगी। साथ ही कस्टम संबंधी कागजात भी तैयार करने में आसनी होगी।

क्या है ड्राई पोर्ट

यह ऐसे राज्यों में बनाया जाता है, जिनकी सीमाएं समुद्र से नहीं लगती हैं। निर्यात को और प्रतिस्पर्धी बनाने की केंद्र सरकार की देशभर में नए ड्राई पोर्ट बनाने की योजना है। ड्राई पोर्ट को मल्टी मॉडल लाजिस्टिक केंद्र भी कहा जाता है। यह रेल या सड़क मार्ग द्वारा किसी बंदरगाह से जुड़ा होता है।

यह आयात-निर्यात होने वाले माल के परिवहन में एक ट्रांसशिपमेंट के रूप में कार्य करता है। इसे ड्राई पोर्ट इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि यह पोर्ट जैसी ही सेवाएं प्रदान करता है। डाई पोर्ट समुद्र के करीब नहीं होता। डाई पोर्ट में कंटेनर यार्ड, गोदाम, रेलवे साईडिंग व कार्गो हैंडलिंग उपकरण और आयात-निर्यात मंजूरी के लिए प्रशासनिक कार्यालय भी बनाए जाते हैं।

जांच के बाद सीधे भेजा जाएगा सामान

ड्राई पोर्ट बनने से जांच के बाद कंटेनर इन पोर्ट्स में ही सील किए जाएंगे। फिर उन्हें रेल, सड़क या वायुमार्ग से निर्यात के लिए सीधे भेजा जा सकेगा। प्रदेश से कृषि, ड्राई फ्रूट, फलों और अन्य उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।

यह भी पढ़े:- कनिष्ठ सहायक भर्ती में बचे पदों को कैरीफारवर्ड करने के खिलाफ याचिका 

प्रदेश से सामान भेजने के बाद बंदरगाह पर जांच के बाद कंटेनर सील किए जाते हैं। इसमें समय तो लगता ही है, सामानों के खराब होने खुर्द-बुर्द होने की आशंका भी रहती है। कंटेनर सील होकर बंदरगाह पहुंचेंगे तो ऐसा खतरा नहीं रहेगा। डिलीवरी टाइम भी घटेगा। कस्टम और निर्यात संबंधी कागजात भी इन्हीं ड्राई पोर्ट पर तैयार किए जा सकेंगे।

देश दुनिया की ताजातरीन सच्ची और अच्छी खबरों को जानने के लिए बनें रहेंwww.dastaktimes.org के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए https://www.facebook.com/dastak.times.9 और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @TimesDastak पर क्लिक करें। साथ ही देश और प्रदेश की बड़ी और चुनिंदा खबरों के ‘न्यूज़ वीडियो’ आप देख सकते हैं हमारे youtube चैनल https://www.youtube.com/c/DastakTimes/videos पर। तो फिर बने रहिये www.dastaktimes.org के साथ और खुद को रखिये लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड।

Related Articles

Back to top button