बीते 15 सालों से मध्यप्रदेश पर राज करने वाले शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस ने झटका दे दिया है। रुझानों में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े के करीब है। प्रचार के दौरान राहुल गांधी और कमलनाथ के नेतृत्व में सब कुछ झोंक देने वाली कांग्रेस को इसका फायदा मिलता दिख रहा है।
हालांकि, बसपा के रूप में भाजपा को एक दोस्त मिल सकता है। अब दोस्ती का हाथ कौन बढ़ाएगा या बढ़ाएगा भी या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा। दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि बसपा को रुझानों में करीब 6 सीट मिलती दिख रही हैं। अगर मामला फंसता दिखा तो भाजपा और बसपा हाथ मिलाने के बारे में सोच सकते हैं।
वैसे तो मायावती हमेशा भाजपा से दूरी की बात करती रही हैं लेकिन मध्यप्रदेश में उन्हें और उनकी पार्टी को लंबे वक्त तक संजीवनी चाहिए तो भाजपा से हाथ मिलाना नुकसान का सौदा साबित नहीं होगा। संबित पात्रा ने तो कह भी दिया है कि कि बसपा से गठबंधन पर पार्टी फैसला करेगी। यानी उन्होंने इस बात को खारिज नहीं किया है।