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मुकेश अंबानी ने PM मोदी को बधाई दी, कहा- भारत विकास का इंजन है, न कि सिर्फ गाड़ी

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठक में, कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी। अंबानी ने इस मौके पर अपने भाषण में वैश्विक दक्षिण में विकास संबंधी विषमताओं पर ध्यान आकर्षित किया और यह उल्लेख किया कि अब इन विषमताओं को नजरअंदाज करना असंभव है। उन्होंने भारत की जनसांख्यिकी की अद्वितीयता, कर्ज का अपेक्षाकृत हल्का बोझ, और तेजी से विकास की गति की सराहना की। अंबानी ने यह भी कहा कि भारत अब केवल एक साधारण गाड़ी नहीं बल्कि वैश्विक विकास का प्रमुख इंजन बन चुका है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान
अंबानी ने अपने भाषण में जोर देते हुए कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के सभी व्यवसाय भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण चालक बने रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति और विकास की दिशा को देखते हुए, रिलायंस का योगदान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। कंपनी का उद्देश्य केवल अल्पकालिक लाभ कमाना और धन संचय करना नहीं है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।

कंपनी का दीर्घकालिक दृष्टिकोण और तकनीकी प्रगति
47वीं सालाना आम बैठक में, मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को बताया कि रिलायंस का मुख्य फोकस अल्पकालिक मुनाफे पर नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में वैश्विक आर्थिक विकास के सबसे बड़े इंजनों में से एक है और यह निवेश के लिए एक अत्यंत आकर्षक स्थल बना हुआ है। अंबानी ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज राष्ट्र के लिए धन और ऊर्जा सुरक्षा का निर्माण करने में संलग्न है।

प्रौद्योगिकी में नेतृत्व और अनुसंधान पर निवेश
अंबानी ने यह भी स्पष्ट किया कि रिलायंस अब एक प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी में तब्दील हो रही है और तकनीक का शुद्ध उत्पादक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 6जी, 5जी, बड़े लैंग्वेज मॉडल, डीप टेक, बिग डेटा, और नैरो बैंड IoT जैसे क्षेत्रों में पेटेंट दाखिल किए हैं। वित्त वर्ष 24 के दौरान, रिलायंस ने अनुसंधान और विकास (R&D) पर 3643 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस दौरान, 1000 से अधिक वैज्ञानिक महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।

भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का सामना
अंबानी ने अपने भाषण में यह बताया कि रिलायंस की तकनीकी क्षमताओं और इन निवेशों से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी भविष्य की तकनीकी चुनौतियों को समझने और उन्हें अपनाने में अग्रणी बनना चाहती है। यह कंपनी की रणनीति को दर्शाता है कि कैसे वे वैश्विक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाने का लक्ष्य रखती है।

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