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परमबीर सिंह और सचिन वाजे की मुश्किलें नहीं हो रही कम, मुलाकात के संबंध में मुंबई पुलिस करेगी जांच

मुंबई। वसूली कांड में फंसे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर सचिन वाजे की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अब दोनों के बीच मुलाकात के संबंध में मुंबई पुलिस जांच करेगी। दोनों चांदीवाला आयोग के सामने पेश हुए थे। इसी दौरान दोनों की एक घंटे तक मुलाकात हुई थी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि दोनों की मुलाकात किसकी इजाजत से हुई थी।

फिलहाल, जैसे ही ये खबर सामने आई कि परमबीर सिंह और सचिन वाजे ने एक केबिन में बैठकर करीब घंटे भर बातचीत की, इसके बाद मुंबई पुलिस हरकत में आई और अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इन लोगों ने कैसे मुलाकात की। इसे जानने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम चांदीवाल आयोग की बिल्डिंग में भी पहुंची। पुलिस ये जानना चाहती है कि दोनों को इस तरह मिलने की क्या इजाजत थी या नहीं। अगर इजाजत नहीं थी तो कैसे मिले? इन सभी एंगल पर मुंबई पुलिस जांच कर सकती है। इस दौरान सचिन वाजे को जेल से कमीशन लाने वाले स्क्वायड से भी पूछताछ हो सकती है।

वर्तमान में होमगार्ड डीजी परमबीर सिंह सोमवार सुबह अपने दफ्तर में पहुंचे। वे अभी छुट्टी पर हैं, इसलिए अपने केबिन में कुर्सी पर नहीं बैठे, बल्कि सामने दूसरे अफसरों के लिए रखी कुर्सी पर बैठ गए। कुछ देर बाद वे उसी बिल्डिंग में स्थित चांदीवाल आयोग के सामने हाजिर हुए। इधर, एंटीलिया केस में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के सस्पेंड अधिकारी सचिन वाजे वहां पहले से मौजूद था। सचिन ने कुछ सेकंड के लिए परमबीर के कान में कुछ कहा। इसके बाद परमबीर की मौजूदगी में उनके वकील ने जमानती वारंट रद्द करने की अर्जी दी। इस पर आयोग ने 15 हजार रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के आदेश के साथ जमानती वारंट रद्द कर दिया।

आयोग ने परमबीर से अगली तारीख पर हाजिर रहने को कहा तो उनके वकील ने दूसरे मामलों और तबीयत का हवाला देकर अनुपस्थिति रहने की अनुमति मांगी। आयोग में इस संबंध में एफिडेविट देने को कहा। परमबीर के वकील ने इसके लिए एक घंटे का वक्त मांगा, उसके बाद परमबीर और सचिन वाजे आयोग के बगल के कमरे में बैठकर बात करने लगे। कुछ देर बाद महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के वकील ने आयोग के पास मौखिक-लिखित शिकायत की कि दोनों एक घंटे से साथ में एक कमरे में बैठे हैं।

इस पर आयोग ने कहा- मैं सब पर नजर नहीं रख सकता, लेकिन आपकी आपत्ति है तो मैं सचिन वाजे को कहता हूं कि वो अलग बैठें। आयोग ने सचिन को कहा कि अनिल देशमुख के वकील ने आपत्ति जताई है, इसलिए आप अलग बैठिए। बता दें कि परमबीर सिंह को चांदीवाला आयोग ने समन जारी किया था और इसी दौरान सचिन वाजे को भी बुलाया था। सचिन के वकील ने दावा किया है कि उन्हें आयोग से इजाजत मिली थी, जिसके बाद ही वाजे और परमबीर सिंह मिले।

परमबीर ने इसी साल मार्च में मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने और होमगार्ड विभाग में ट्रांसफर किए जाने के बाद तत्कालीन होम मिनिस्टर अनिल देशमुख पर आरोप लगाए थे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने शिकायत की थी कि देशमुख पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ की वसूली के लिए कर रहे हैं। इन गंभीर आरोपों की वजह से अनिल देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सिंह के आरोपों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है।

इन आरोपों के बाद परमबीर सिंह अचानक गायब हो गए। उन्हें मुंबई में आखिरी बार मई महीने में देखा गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पता चला कि वे चंडीगढ़ में हैं। पिछले हफ्ते गुरुवार को मुंबई पहुंचे और सबसे पहले क्राइम ब्रांच ऑफिस आए। यहां उनसे करीब 7 घंटे की कड़ी पूछताछ हुई थी। DCP नीलोत्पल और उनकी टीम ने गोरेगांव में दर्ज वसूली के एक मामले में उनसे पूछताछ की थी।

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