उत्तर प्रदेशजीवनशैली

वाराणसी में गाय के गोबर और मिट़टी से मुस्लिम महिलाएं बना रही है ‘रामदीप’

  • मुस्लिम महिलाओं ने इसे दिया है ‘रामदीप’ का नाम
  • अपने हाथों से तैयार कर रहीं हैं मुस्लिम महिलाएँ ये दिए
  • चाइनीज झालरों के बहिष्कार का दिया संदेश


वाराणसी: धार्मिक नफरतों की आग मिटाकर देश को राष्‍ट्रीय एकता के धागे में पिरोने के लिए वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं गाय के गोबर से इस दिवाली राम नाम के दीपक बना रही हैं। वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। मुस्लिम महिलाओं के दिवाली पर तैयार किए गए दीपक इसलिए भी अनोखे हैं कि वह इसे मिट़टी से नहीं बल्कि गाय के गोबर से खुद तैयार कर रही हैं।

महिलाओं ने इसे रामदीप का नाम दिया है।पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं का ये कदम सौहार्द की एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। मुस्लिम महिलाएं गोबर से बने इन दीयों में आपसी भाईचारे और सौहार्द के रंग भरते हुए इनको अपने हाथों से तैयार कर ही है। महिलाओं का मानना है कि इससे समाज में फैली कट्टरता खत्म होगी और आपसी भाईचारा मजबूत होगा। पूरे उत्‍तर प्रदेश में योगी सरकार के निर्देश पर गाय के गोबर से दीपक बनवाये जा रहे हैं ।

चाइनीज झालरों के बहिष्‍कार का ऐलान

वाराणसी में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन से जुड़ी महिलाएं दिवाली के लिये भारत की मिट्टी एवं गाय के गोबर से विशेष रामदीप तैयार कर रही हैं। साथ ही यह महिलाएं चाइनीज के झालरों का बहिष्कार का संदेश भी दे रही हैं। हिन्‍दू व मुस्लिम महिलाएं प्रतिदिन सैकड़ों रामदीपक तैयार कर रही हैं। जिसे शहर के प्रतिष्ठित लोगों और हिन्दू परिवारों को वह अपने हाथ से वितरित करेंगी। जिसे दिवाली पर जलाया जा सके। महि‍लाओं के मुताबिक रामदीपक बनाकर वह पूरी दुनियां को शांति, सद्भावना और सौहार्द का संदेश देना चाहती हैं। उन्‍होंने कहा कि एक दूसरे के तीज त्यौहारों, खुशियों में शामिल होने से कोई धर्म खतरे में नहीं पड़ता है बल्कि हर धर्म का सम्मान बढ़ता है।

घरेलू पद्धति से बना रही हैं रामदीप

मुस्लिम महिलाओं ने रामदीप दीयें को बनाने के लिए घरेलू पद्धति को अपनाया है। रामदीप में प्राकृतिक रंगों के जरिए वह दीयों को रंग बिरंगा बना रही है। रामदीप पर सितारे व अन्‍य कलाकृतियां भी बनाई गई हैं, जो उनको और आकर्षक बना रही हैं।

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मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नाजनीन भारतवंशी और महासचिव विशाल भारत का मानना है की इस मुहिम के जरिए राम के आदर्श को दुनिया में फैलाना चाहते हैं। बीएचयू के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि काशी में हिन्दू और मुस्लिम महिलाएं रामनाम के दीपक को बनकर धार्मिक कट्टरता को न सिर्फ कम रही हैं बल्कि दुनिया को एकता व भाईचारे का संदेश भी दे रही हैं।

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