मुसलमानों ने लगाए ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे, नमाज़ के दौरान हाथों पर काली पट्टियां बांध किया विरोध

नई दिल्ली. हैदराबाद में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए जुमा की नमाज़ के दौरान काली पट्टी पहनकर विरोध दर्ज किया। यह काली पट्टी आतंकवाद के खिलाफ एक प्रतीकात्मक संदेश थी और हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना और एकजुटता का इज़हार था।
AIMIM नेताओं की पहल
AIMIM पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को शास्त्रीपुरम की मस्जिद में नमाज़ से पहले श्रद्धालुओं को काली पट्टियाँ बांटीं। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए मृतकों के परिवारों के साथ गहरी सहानुभूति जताई।
AIMIM के विधानसभा में फ्लोर लीडर अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी काली पट्टी पहनकर ओएचआरसी कैंपस, कंचनबाग में नमाज़ अदा की। यह कदम असदुद्दीन ओवैसी की ओर से मुस्लिम समुदाय से किए गए आह्वान का हिस्सा था कि वे काली पट्टी पहनकर नमाज़ अदा करें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाएं।
मस्जिदों में शांति और एकता की अपील
शहर की कई मस्जिदों में नमाज़ के दौरान इमामों और श्रद्धालुओं ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की और कहा कि इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। इस तरह की घटनाएं देश और समाज की शांति के खिलाफ हैं।
चारमीनार के पास विरोध रैली
मक्का मस्जिद चारमीनार में जुमा की नमाज़ के बाद एक विरोध रैली निकाली गई, जो मदिना बिल्डिंग तक गई। प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए और आतंकी हमले के खिलाफ अपना गुस्सा जताया। प्रदर्शन में शामिल लोग हाथों में तख्तियाँ लिए थे, जिन पर आतंकवाद के खिलाफ और पीड़ितों के समर्थन में संदेश लिखे थे।
प्रार्थना और शोक
एक श्रद्धालु ने मक्का मस्जिद के बाहर कहा- पहलगाम में जो हमारे पर्यटकों के साथ हुआ। वो बेहद दुखद और दर्दनाक है, जो लोग इस अमानवीय घटना के पीछे हैं। वे किसी रहम के काबिल नहीं। हमने नमाज़ में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति और देश में शांति और सौहार्द के लिए दुआ की।