मणिपुर : मणिपुर में भड़की हिंसा के पीछे म्यांमार के उग्रवादी गुटों का हाथ हो सकता है। एक बड़ा खुलासा करते हुए मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि बुधवार को मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में भड़की हिंसा में म्यांमार के उग्रवादियों के शामिल होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 110 किलोमीटर दूर भड़की हिंसा में दो कमांडो शहीद हो गए थे। इसके अलावा सिंह ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि कल सुबह-सुबह बड़ी संख्या में कुकी उग्रवादियों ने तीन स्थानों पर कमांडो चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो अपने बयान में सिंह ने कहा कि म्यांमार के विद्रोही समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) मोरेह में पुलिस पर हमला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले कई दिनों से हो रहे हैं, गोलियों की आवाज आसपास के इलाकों से नहीं बल्कि दूर के इलाकों से आ रही है।
बता दें मणिपुर में कई जिलों में कुकी उग्रवादियों की ओर से बुधवार रात से गोलाबारी गुरुवार को भी जारी रही और हमले से जूझ रहे पुलिस को पीड़ितों की मदद कर पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच कुकी उग्रवादियों के हमले में दो पुलिस जवान शहीद हो गये। शहीद जवानों की पहचान छठी मणिपुर राइफल्स के जवान वांगखेम सोमोरजीत मीतेई और 10वीं आईआरबी के जवान ताखेललंबम सिलेशवर सिंह के रूप में की गयी है।हमले में छह पुलिस कर्मी मोहम्मद केमल हसन, सोंगसुआथुई ऐमोल, मोहम्मद अब्दुल हासिम, नगासेपम विम, एएसआई सिद्धार्थ थोकचोम और के प्रेमानंद घायल हुए हैं।
पुलिस के अनुसार कुकी उग्रवादी बम धमाकों के साथ ही राकेट चालित ग्रेनेड से हमले कर रहे हैं । पूर्वी इंफाल, पश्चिमी इंफाल, थोउबल, बिशेनपुर और काकचिंग जिलों में की जा रही गोलीबारी के कारण यहां से बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों सहित ग्रामीण अपने घर छोड़कर भाग गये हैं। पुलिस का कहना है कि कुकी उग्रवादी जिस तरह से आधुनिक और मारक हथियारों का इस्तेमाल कर रह हैं । ऐसे में सेना और असम राइफल्स ही इन उग्रवादियों से अपने हथियारों से मुकाबला कर सकते हैं।
उग्रवादियों ने थौबल जिले में विभिन्न सुरक्षा चौकियों पर भी हमला किया। सुरक्षाबलों ने न्यूनतम आवश्यक बल का प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। हथियारबंद उग्रवादियों की ताबड़तोड़ गोलीबारी में बीएसएफ के तीन जवान गौरव कुमार, एएसआई सोबराम सिंह और एएसआई रामजी गोली लगने से घायल हो गए। घायल जवानों को इलाज के लिए राज मेडिसिटी ले जाया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घायल जवानों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। राज्य सरकार ने थौबल जिले में फिर से कर्फ्यू लगा दिया है और जिले की सीमाओं में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक को और बढ़ा दिया गया है।