नारी शक्ति वंदन बिल लोकसभा में हुआ पेश, मिली मंजूरी
नईदिल्ली : संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। सेंट्रल हॉल के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने संबोधित किया और कहा कि अब पुरानी इमारत को संविधान सदन के रूप में जाना जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में सभी सांसद नई इमारत में गए। आज का दिन इस तरह से ऐतिहासिक हो गया है। आज से ही नए संसद भवन में कार्यवाही भी शुरू हो गई है। लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश हो चुका है और इसपर चर्चा कल से की जाएगी।
नये संसद भवन में उच्च सदन की पहली बैठक की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ हुई इसके उपरांत सभापति जगदीप धनखड़ ने घोषणा की कि वह सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर रहे हैं क्योंकि किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्हें विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श करना है। इसके बाद सदन की बैठक को अपराह्न दो बजकर 47 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया है। यह कानून बनने के बाद लोकसभा और विधानसभाओं में लागू होगा। विधेयक की सीमा 15 साल होगी और बाद में इसे बढ़ाया भी जा सकता है। महिलाओँ को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
लोकसभा स्पीकर ने ऐलान किया कि पुराने संसद भवन को अब संविधान सदन के तौर पर जाना जाएगा। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। मोदी सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक नारीशक्ति वंदन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के विपक्ष संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है। मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी।
मेघवाल ने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। मेघवाल ने 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद उसे लोकसभा से पारित न कराने को लेकर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पारित होने के बावजूद महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित नहीं कराया जा सका, यह तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की नाकामी को दर्शाता है। इस बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विधेयक पर चर्चा बुधवार को होगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा की उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले ‘‘नारीशक्ति वंदन विधेयक” को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। पीएम मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला बदली होगी। सरकार का कहना है कि महिलाएं अलग-अलग दृष्टिकोण लाती हैं और विधायी बहस तथा निर्णय लेने की गुणवत्ता को समृद्ध बनाती हैं।