NASA के इनसाइट के साथ मंगल पर ‘पहुंचे’ 1,38,899 भारतीय!
सोमवार को रात 1.30 बजे नासा के इनसाइट लेंडर के मंगल ग्रह पर लैंड करने के साथ ही 1,38,899 भारतीय भी वहां ‘पहुंच’ गए. दरअसल, यह मानवरहित अभियान था और भारतीयों के नामों को इनसाइट में एक सिलिकॉन रे वेफर माइक्रोचिप पर उकेरा गया था. ये नाम इलेक्ट्रॉन बीम का इस्तेमाल करते हुए लिखे गए थे.
इलेक्ट्रॉन बीम से लाइनों के जरिए अक्षर उकेरे गए जिनका व्यास इंसानों के एक बाल का 1/1000वां भाग होता है. यह छोटी सी चिप लैंडर के ऊपरी हिस्से से जुड़ी हुई थी. नासा ने मंगल ग्रह पर जाने वाले इनसाइट पर नाम लिखवाने के लिए एक अभियान शुरू किया था जिसमें एक लाख से ज्यादा भारतीय शामिल हुए थे. स्पेस एजेंसी ने इन भारतीयों को ऑनलाइन बोर्डिंग पास भी उपलब्ध कराया.
कई लोगों ने फेसबुक पर अपने बोर्डिंग पास की फोटो भी पोस्ट कीं. नासा के रिकॉर्ड के मुताबिक, दुनिया भर से करीब 2,42,9807 लोगों ने अपने नाम भेजे थे. भारत वैश्विक सूची में तीसरे स्थान पर रहा. यूएस से 6,76,773 नाम और चीन से 2,62,752 नाम भेजे गए थे.
मंगलवार को जब इनसाइट लाल ग्रह की सतह पर पहुंचा तो भारत के पास जश्न करने की एक और वजह भी थी. नासा के इनसाइट के पोस्ट लैडिंग ऑपरेशन में एक भारतीय ने भी भूमिका निभाई. इस शख्स का नाम है- रवि प्रकाश. वह नासा की जेट प्रपल्सन लैबोरेटरी में सिस्टम इंजीनियर हैं.
मंगल की कक्षा में पहुंचने के समय ‘इनसाइट’ की स्पीड 19800 किलोमीटर की थी, जो लैंडिंग के वक्त घटकर 8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रह गई. ‘इनसाइट’ का ये मिशन मंगल करीब 7044 करोड़ रुपये का था. ‘इनसाइट’ मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना पृथ्वी से कितनी अलग है, इसका पता लगाएगा.