राष्ट्रीय

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर आए सुर्खियों में

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर के विशेष प्रयासों से फिलीपींस से एमबीबीएस मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने वाले 3200 भारतीय विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग कार्यालय में नेशनल मेडिकल कांउसिल (एनएमसी) के अधिकारियों के साथ सुनवाई कर इन विद्यार्थियों को न्याय दिलाया गया है।नेशनल मेडिकल कांउसिल (एनएमसी) ने देश भर में फिलीपींस से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करके आने वाले सभी मेडिकल विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र देने के लिए फिर से नीट परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया था। जिसके चलते विद्यार्थियों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी।

फिलीपींस से मेडिकल शिक्षा प्राप्त करके आए पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर से भेंट कर उनके समक्ष अपनी व्यथा रखी थी। उक्त विषय पर गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए श्री हंसराज अहीर ने एनएमसी तथा संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को आयोग के समक्ष सुनवाई के लिए बुलाया जिसमें विद्यार्थियों द्वारा 2017 में नीट परीक्षा देने की बात सिद्ध हुई थी और इसके चलते समस्या समाधान निकालने का आदेश दिया था। उक्त आदेश अनुसार नेशनल मेडिकल कांउसिल (एनएमसी) के अधिकारियों ने पुनः नीट परीक्षा देने का आदेश वापस लेकर संबंधित विद्यार्थियों को पात्रता प्रमाणपत्र जारी किए। श्री हंसराज अहीर की इस पहल से सभी मेडिकल विद्यार्थियों को न्याय मिला है।

Related Articles

Back to top button