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राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली लाल फीताशाही को बदलने में करेगी मदद : गोयल

नई दिल्ली : राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) लाल फीताशाही को लाल कालीन में बदलने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोंण को साकार करने में मदद करेगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को विभिन्न हितधारकों के साथ एनएसडब्ल्यूएस के कामकाज की समीक्षा के बाद यह बात कही।

गोयल ने यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा किसरकार केंद्र और राज्यों के विभागों द्वारा विभिन्न मंजूरियों के लिए एनएसडब्ल्यूएस के तहत आवेदन करने के लिए अन्य डेटा की जगह स्थायी खाता संख्या (पैन) के इस्तेमाल की इजाजत देने पर विचार कर रही है।

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हम मौजूदा डेटाबेस में से एक का उपयोग करने की ओर बढ़ रहे हैं, जो पहले ही सरकार के पास उपलब्ध है, जो संभवत: पैन नंबर होगा। पैन के साथ कंपनी के बारे में बहुत सारे बुनियादी आंकड़े, इसके निदेशक, पता और बहुत सारे सामान्य डेटा पहले से ही उपलब्ध हैं। मंत्री ने कहा कि बैठक में, विभिन्न हितधारकों से कई नए विचार सामने आए, विशेष रूप से महत्वपूर्ण सूचनाओं की एक बार प्रविष्टि के माध्यम से डेटा संग्रह के एकीकरण पर। इससे पहले एनएसडब्ल्यूएस की बैठक में 32 केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और उद्योग संघों सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और पीएचडीसीसीआई की भागीदारी रही।

पीयूष गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय पहले ही इस मामले में राजस्व विभाग से संपर्क कर चुका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों को सूचना देने की प्रक्रिया में दोहराव को कम करना, अनुपालन बोझ को कम करना, परियोजनाओं की अवधि में कटौती करना और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि एनएसडब्ल्यूएस के जरिए अबतक करीब 48 हजार स्वीकृतियां दी गई हैं। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि विभिन्न औद्योगिक पार्कों और सम्पदाओं में एक लाख हेक्टेयर भूमि एनएसडब्ल्यूएस पर अनुदान के लिए उपलब्ध है।

उल्लेखनीय है कि इस समय ईपीएफओ, ईएसआईसी, जीएसटीएन, टिन, टैन और पैन जैसी 13 से ज्यादा व्यावसायिक आईडी हैं, जिनका इस्तेमाल विभिन्न सरकारी अनुमोदनों के लिए आवेदन करने को किया जा रहा है।

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