
देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत का कहर देखने को मिला है। शनिवार को उत्तरकाशी के नौगांव क्षेत्र में बादल फटने से यमुना घाटी में भारी तबाही मची है। अचानक आए सैलाब और मलबे के कारण घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस घटना में एक दर्जन से ज्यादा घरों को क्षति पहुंची है। हालांकि अच्छी बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
जान बचाने के लिए भागे लोग
जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि शाम को स्योरी फाल पट्टी में बादल फटने के बाद बाढ़ का पानी और कीचड़ तेजी से निचले इलाकों में बह गया जिससे भारी नुकसान हुआ। जब यह घटना हुई तो वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
उन्होंने बताया कि बादल फटने की आशंका के चलते पहले ही कई लोग अपने घर खाली कर चुके थे जिससे बड़े नुकसान को टाला जा सका। बड़कोट इंस्पेक्टर राजेश जोशी के नेतृत्व में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।
मुख्यमंत्री ने दिए युद्धस्तर पर कार्रवाई के निर्देश
इस घटना से दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग भी प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया और युद्धस्तर पर बचाव और राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तरकाशी जिले के नौगांव क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी मिली है। मैंने तुरंत जिला मजिस्ट्रेट से बात कर उन्हें युद्धस्तर पर बचाव और राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने में कोई देरी न हो।”
फिलहाल प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को भी बचाव कार्यों में लगाया है।