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जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला, 26 मौतें, हमले में नौसेना और IB अफसरों की भी मौत

नई दिल्लीः 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की शांत बैसरन घाटी आतंक की आग में झुलस गई। इस सुनियोजित आतंकी हमले में अब तक 25 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 20 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों में न केवल आम नागरिक, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अधिकारी भी शामिल हैं। यह हमला भारत की आंतरिक सुरक्षा और आम जनता दोनों पर एक सीधा और दर्दनाक हमला है।

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: छुट्टियों पर आए युवा नौसेना अधिकारी की मौत
भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जो हरियाणा के निवासी थे और हाल ही में 16 अप्रैल को विवाह बंधन में बंधे थे, इस हमले में शहीद हो गए। सिर्फ 26 साल के विनय छुट्टियों पर पहलगाम आए थे, जब आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, नरवाल की मौत के बाद नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शोक व्यक्त किया और कहा कि “देश ने एक होनहार अफसर को खो दिया है।”

आईबी अधिकारी मनीष रंजन की मौत
हैदराबाद में तैनात इंटेलिजेंस ब्यूरो के सेक्शन ऑफिसर मनीष रंजन, जो एक निजी दौरे पर कश्मीर आए थे, हमले के दौरान मारे गए। उनकी मौत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकी अब सिर्फ सैन्य या पुलिस नहीं, बल्कि आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े लोगों को भी निशाना बना रहे हैं।

ओडिशा के प्रशांत सतपति की मौत: एक आम सैलानी की अधूरी छुट्टियां
43 वर्षीय प्रशांत सतपति, ओडिशा के बालासोर जिले के निवासी और पेशे से अकाउंटेंट, अपने परिवार ,पत्नी प्रियदर्शिनी और नौ साल के बेटे के साथ छुट्टियां मनाने आए थे। हमले में प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनका परिवार किसी तरह बच निकला। यह हमला दर्शाता है कि आम नागरिक भी अब आतंकियों के निशाने पर हैं, और वो भी एक पर्यटन स्थल पर।

देशभर में सुरक्षा अलर्ट: दिल्ली, जयपुर, मुंबई और महाराष्ट्र सतर्क
हमले के बाद देश के प्रमुख महानगरों — दिल्ली, जयपुर और मुंबई — में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि कहीं देश के अन्य हिस्सों में भी स्लीपर सेल्स सक्रिय तो नहीं हैं।

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