छत्तीसगढ़

नक्सली अपना वर्चस्व बचाने के लिए झूठे हथकंडे अपना रहे हैं – सुंदरराज पी.

जगदलपुर: दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प द्वारा जारी प्रेस रिलीज पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी.ने कहा कि नक्सलियों के सुरक्षा बलों पर लगाए आरोप बेबुनियाद है, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि प्रतिबंधित सीपीआइ माओवादियों की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता सुरक्षा बल निराधार आरोप लगा रहे हैं। सीपीआई माओवादी संगठन की यह सोची समझी साजिश है। झूठे प्रचार-प्रसार एवं क्षेत्र के निर्दोष नागरिकों को प्रताड़ित करना, वनांचल क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधा से वंचित रखना इत्यादि गैर मानवीय एवं विकास विरोधी हरकतों को छोड़कर जमीनी हकीकत को जानना एवं समझना जरूरी है। अब जब वनांचल का युवा जागृत हो गया है और जनता का विश्वास पुलिस पर बनता दिख रहा है तो नक्सली अपना वर्चस्व बचाने के लिए झूठे हथकंडे अपना रहे हैं।

सुदरराज पी ने कहा कि क्रांतिकारी जन आंदोलन की आड़ में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् विगत 22 वर्षों में बस्तर क्षेत्र में 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों (जिनमें कई महिला, बच्चे एवं बुजुर्ग भी शामिल हैं) की हत्या एवं 1100 से अधिक बार आईईडी विस्फोट करके बस्तर की हरित धरा को लाल आतंक की छाया में तब्दील किया गया। बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी माओवादी नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज के पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं।

उन्होने कहा कि यह जानना आवश्यक है कि सेन्ट्रल कमेटी एवं पोलित ब्यूरो सदस्यों के परिजन सुख एवं समृद्धि केसाथ आलीशान जिंदगी जी रहे हैं। साजिश के तहत तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल जैसे बाहरी क्षेत्र के नक्सली नेताओं द्वारा बस्तर की जनता को बाहर की दुनिया के अवसरों से वंचित किया जा रहा है। उन्होने कहा है कि जिस तरीके से विगत कुछ वर्षों में प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की विकास विरोधी एवं जनविरोधी हरकतों से माओवादी संगठन का जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में असत्य एवं गुमराह करने का काम जारी है।

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