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एनसीईआरटी पैनल ने स्कूली किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने की सिफारिश की

नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा और खासकर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में एनसीईआरटी बुक्स की अहमियत से तो सभी वाकिफ हैं। ये ऐसी किताबें होती हैं जिन की प्रमाणिकता पर आंख बंद कर भरोसा कर लिया जाता है और एनसीईआरटी ने इसके लिए मानक भी गढ़े हैं। एनसीईआरटी एक बार फिर से सुर्खियों में है। देश का नाम INDIA से ‘भारत’ करने की चर्चाएं अभी खत्म नहीं हो पाई थीं कि अचानक एनसीईआरटी से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई, जिससे चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि एनसीईआरटी कमेटी ने सभी स्कूल की किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने की सिफारिश की है। कमेटी के अध्यक्ष सी आई इस्साक ने ANI से कहा, ‘एनसीईआरटी पैनल ने स्कूली किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ की सिफारिश की है।’

इस मामले पर NCERT का आधिकारिक बयान भी सामने आ गया। उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि चूंकि नए सिलेबस और किताबों का विकास प्रक्रिया में है और उस उद्देश्य के लिए NCERT द्वारा डोमेन विशेषज्ञों के विभिन्न करिकुलर एरिया ग्रुप्स को नोटीफाई किया जा रहा है। इसलिए, संबंधित मुद्दे पर मीडिया में चल रही खबरों पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।

भारत नाम पहली बार आधिकारिक तौर पर तब सामने आया जब सरकार ने INDIA के राष्ट्रपति की बजाय भारत के राष्ट्रपति के नाम पर जी20 निमंत्रण भेजा। बाद में, नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेमप्लेट पर भी INDIA की बजाय भारत लिखा गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर ये बहस तेज हो गई कि क्या इंडिया का नाम भारत होने वाला है और अगर ऐसा हुआ तो उसके क्या फायदे और नुकसान होंगे।

ये डिबेट लंबे समय तक सोशल मीडिया पर चलती रही और सुर्खियों में भी रही। हाल फिलहाल में ये चर्चा थोड़ी कम हो गई थी लेकिन जैसे ही NCERT की किताबों से जुड़ी खबर मीडिया रिपोर्ट्स में चली तो एक बार फिर इस चिंगारी ने आग पैदा कर दी क्या INDIA का नाम भारत करने की प्लानिंग चल रही है ? अब देखना है कि इस पर अंतिम फैसला क्या लिया जाता है।

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