नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी ने राष्ट्रपति प्रत्याशी का चयन कर लिया है। द्रौपदी मुर्मु को एनडीए ने प्रत्याशी बनाया है। वह झारखंड की गवर्नर हैं। एनडीए ने एसटी प्रत्याशी के साथ साथ महिला कार्ड खेला है। विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष का प्रत्याशी घोषित होने के बाद बीजेपी में भी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज हो गई थी। भाजपा संसदीय बोर्ड सहित राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामित कमेटियों ने मंगलवार को मीटिंग की। इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस मंथन में शामिल हुए। इस मीटिंग के बाद द्रौपदी मुर्मु के नाम का ऐलान किया गया।
जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान किया है। राष्ट्रपति प्रत्याशी के लिए बीजेपी अपने पसंदीदा नाम का चयन करने के बाद एनडीए दलों से भी आम सहमति बनाने के लिए मीटिंग करेगी। बता दें कि बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विपक्षी दलों से भी बातचीत का जिम्मा दिया है। यही नहीं राष्ट्रपति चुनाव के प्रबंधन के लिए 14 सदस्यीय प्रबंधन कमेटी भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के नेतृत्व में बनाई गई है।
नवीन पटनायक ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू का NDA के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में होना ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की तो मुझे बहुत खुशी हुई. वो देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी. नवीन पटनायक का ये बयान द्रौपदी मुर्मू की अपील पर फाइनल मुहर माना जा रहा है.
बता दें कि द्रौपदी मुर्मू भी ओडिशा की ही रहने वाली हैं. ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में जन्मी द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया. वो 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं. द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल हैं.
2013 में वो बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं. 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था. वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी. वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं.
द्रौपदी मुर्मू 2000 से लेकर 2009 तक रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक चुनी गईं. उन्हें राज्य परिवहन और वाणिज्य विभाग का मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. 2002 लेकर 2009 तक वह बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चा की सदस्य रह चुकी थीं. इन्होंने 2002-2004 के बीच मत्स्य पालन विभाग और पशुपालन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाली थी.
बता दें कि अगले महीने की 25 तारीख को देश को नया राष्ट्रपति मिलेगा. नामांकन प्रक्रिया चल रही है. 29 जून को पर्चा भरने की आखिरी तारीख है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है.
उधर, विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा पर दांव लगाया है। पूर्व नौकरशाह यशवंत सिन्हा, काफी लंबे अरसे तक भाजपा संगठन व सरकार में सीनियर पद पर रह चुके हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। यही नहीं वह पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मंत्रिमंडल में भी वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम कर चुके हैं। यशवंत सिन्हा, बीजेपी छोड़ने के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी ज्वाइन कर लिए थे। टीएमसी ने उनको राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। एक दिन पहले ही सिन्हा ने प्रत्याशी होने का संकेत दे दिया था।