
जयपुर। इन दिनों पूरे भारत में बरसात का आलम है। वहीं राजस्थान में लगातार कई दिनों से भारी बरसात होने से प्रदेश के 8 जिले बाढ़ की चपेट में आ गये हैं जिससे वहां कम से कम 500 लोगों को बाढ़ इलाकों से निकाल कर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया। इस भारी बरसात में सेना पूरी मुस्तैदी के साथ बाढं के इलाकों में जुटे हुए लोगों को बचाने का कार्य कर रहें हैं।
हैं और लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बताते चले कि शनिवार से लगातार दूसरे दिन भी तेज बरसात हो ने से कई जिले बाढ़ ग्रास्त हो गये। कोटा, सवाई माधोपुर, करौली और बूंदी में बाढ़ ने बिकराल रूप धारण कर लिया है। इन गांवों का जिला मुख्यालयों से पूरी तरह से संपर्क टूट गया है। वहीं यहां बाढ़ में फंसे 200 लोगों को सुरक्षित जगह में पहुंचाया गया है।
इसके अलावा बूंदी में भारी बारिश की चपेट में आये लोगों को सुरक्षित निकालने के लिये सेना ने अपने कदम बढ़ाये । एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने मिलकर नैनवां, केशोरायपाटन, कापरेन और रायथल इलाकों के जलमग्न गांवों में फंसे लोगों को बचा कर उनको सुरक्षित जगह पहुँचाया। वहीं इस मूसलाधार बारिश के चलते आये बाढ़ में फंसे लोगों में दो लोगों की मौतों की भी खबर सामने आई है। कोटा के डीएम पीयूष समारिया ने कहा कि दीगोद तहसील में बाढ़ की स्थिति में शनिवार को सुधार हुआ है और स्थिति नियंत्रण में है। लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला ने बूंदी जिले के केशोरायपाटन और कापरेन में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
वहीं राजस्थान के कई गांव में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें बचाव कार्यों में मुस्तैदी से जुटी हुई हैं। वहीं आज रविवार को होने वाली सूचना प्रौद्योगिकी की परीक्षा रोक दी गई है। प्रदेश के नौ जिलों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। इसके अलावा कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर यातायात बाधित हो गई है। वहीं बाढ़ के चलते टोंक के बीसलपुर बांध के छह एवं कोटा बैराज के दो गेट खोलकर पानी निकालाने की व्यवस्था की गई है।