स्पोर्ट्स डेस्क : एथलेटिक्स में 121 वर्ष के सूखे को खत्म करते हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत के एथलीट नीरज चोपड़ाने इतिहास रचते हुए गोल्ड जीता है. भारत की ओर से ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज दूसरे ही प्लेयर हैं. नीरज के गोल्ड मेडल के साथ ही ओलंपिक में भारत ने सातवां पदक जीता, जो कि देश का ओलंपिक में अभी तक का शानदार प्रदर्शन भी है.
भारत का इससे पहले बेस्ट प्रदर्शन छह मेडल के साथ लंदन ओलंपिक में रहा था. ओलंपिक में भारत ने एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार कांस्य जीते हैं. नीरज चोपड़ा से पहले ओलंपिक में गोल्ड मेडल अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में वर्ष 2008 बीजिंग ओलंपिक में जीता था. भारत को ओलंपिक 2020 में पहला मेडल वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने दिलाया था.
मणिपुर की इस प्लेयर ने सिल्वर मेडल जीता था. पीवी सिंधु ने बैडमिंटन, लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में देश को कांस्य दिलाया था. पहली बार ओलंपिक में आये पहलवान रवि दहिया ने अपने प्रदर्शन से हर किसी का दिल जीतते हुए कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता. पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो में 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए कांस्य जीता.
नीरज चोपड़ा के मैच से ठीक पहले भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने भी देश की झोली में एक कांस्य पदक डाला. नीरज ने फाइनल मैच में अपना पहला ही थ्रो 87.03 मीटर का फेंका और गोल्ड की उम्मीद जगा दी. दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल पक्का किया.
नीरज इससे पहले एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुके हैं और यही वजह है कि पूरा देश की निगाहें उन पर थी. एथलेटिक्स में भारत को 122 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद नीरज ने गोल्ड मेडल दिलाया है. दिग्गज मिल्खा सिंह 1960 और पीटी ऊषा 1984 में मामूली अंतर से चूक गईं थी.