Netflix, Amazon Prime पर नहीं होगा सरकार का कंट्रोल
अमेजन प्राइम, Netflix और इस जैसे दूसरे ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के कामकाज को सरकार नियंत्रित नहीं करेगी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे जुड़ी गैर सरकारी संस्था जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन की याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल, इस याचिका में ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के कामकाज को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग की जा रही थी. लेकिन कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने पहले ही मंत्रालय को स्पष्ट कर दिया था कि वह नोटिस नहीं जारी कर रहा है, सिर्फ सरकार से याचिका पर उसकी प्रतिक्रिया मांगी जा रही है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को मंत्रालय ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को मंत्रालय से किसी भी प्रकार का लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है.
क्या थे आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया था कि ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अश्लील और धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले कंटेंट परोस रहे हैं. यह आईटी एक्ट का उल्लंघन भी है. याचिका के मुताबिक यह समाज और परिवार के लिए भी बहुत घातक है. सरकार के पास इसे लेकर साफ गाइडलाइन नहीं है. बता दें कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले सीरियल्स और कई सीरीज पर आरोप लग चुके हैं कि कमजोर दिशा निर्देशों का फायदा उठाकर उत्तेजक दृश्य और विवादास्पद संवाद दिखाए जा रहे है. .इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में नेटफ्लिक्स की सीरीज सैक्रेड गेम्स को बैन करने के लिए भी याचिका लगाई जा चुकी है.
सैक्रेड गेम्स के बाद उठी रेग्युलेट करने की मांग
दरअसल, अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी की वेबसीरीज सैक्रेड गेम्स के बाद ऑनलाइन कटेंट को रेग्युलेट करने की मांग में तेजी आई है. पिछले साल आई इस वेबसीरीज में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेट परोसने के आरोप लगे थे. कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि राहुल गांधी के ट्वीट के बाद ये एफआईआर वापस ले ली गई थी.