प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दी जाएँ नई ऊँचाइयाँ : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधो-संरचनात्मक विकास के साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के अभियान को भी तेज किया जाए। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाइयाँ दें। अस्पतालों को बेहतर बनाने के लिए समर्थ व्यक्तियों से स्वैच्छिक सहयोग प्राप्त किया जाए। स्वास्थ्य संस्थाओं को दान देने और जन-भागीदारी होने से उनके प्रति भावनात्मक जुड़ाव भी हो जाता है। आगामी कुछ माह में स्वास्थ्य संस्थाओं का रंग-रूप बदल कर उदाहरण प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार कार्य-योजना के प्रेजेंटेशन के बाद यह बात कही। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे़ उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रेजेंटेशन दिया।
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि प्रदेश में डायलिसिस और कैंसर रोग की नई उपचार सेवाओं के विकास का प्रयास है। स्वास्थ्य संस्थाओं में औषधियों, जाँच परीक्षण सेवाओं, ब्लड बैंक और स्टोरेज की व्यवस्था को अधिक मजबूत करने, टेलीमेडिसन के विस्तार और हितग्राहीमूलक सुविधाओं के विकास पर फोकस किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में सी.टी. स्केन जाँच सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अभी 45 जिला चिकित्सालयों में यह सुविधा है। शीघ्र ही 3 चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सालयों में भी यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसी तरह सोनोग्राफी जाँच सुविधा का भी विस्तार हो रहा है। अत्याधुनिक डिजिटल रेडियोग्राफी एक्स-रे मशीन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। इस कार्य का विस्तार भी हो रहा है। सभी जिला चिकित्सालयों और 100 बिस्तरों से अधिक क्षमता के सिविल अस्पतालों में सेंट्रल पैथालॉजी लेब का संचालन हो रहा है। इनमें 132 प्रकार की जाँचें होती हैं। जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है, ताकि रोगियों को डायलिसिस कराने के लिए प्रतीक्षा न करना पड़े। वर्तमान में जिला अस्पतालों में 222 डायलिसिस मशीनें लगी हैं। डे-केयर कीमोथेरेपी और पेलीएटिव केयर के लिए जिला अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए हैं। कैंसर सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। पी.पी.पी. मॉडल से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों से टेली कंसलटेशन लेने की व्यवस्था की गई है। रोगी और परिजन की सहायता के लिए हेल्प डेस्क निरंतर स्थापित होती जाएंगी।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
मातृ स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों और एनीमिया नियंत्रण के लिए प्रयास बढ़ाएँ। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के कार्य से जन-प्रतिनिधियों को भी जोड़ें।
आमजन को सरल भाषा में स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित संदेश मुद्रित और डिजिटल माध्यमों से दिए जाएँ।
मंदसौर जिला लिंगानुपात सुधार में आगे बढ़ रहा है, जहाँ 1000 बेटों पर 1021 बेटियाँ जन्म ले रही हैं। अन्य जिलों में भी इस तरह के प्रयास किए जाएँ।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पताल तक औषधियों के सुचारू वितरण का कार्य हो।