उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को अब संतुलित आहार मिल सकेगा. प्रशासन को इस मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है. प्रशासन (Administration) ने सुरंग के भीतर तक 6 इंच चौड़ा पाइप भेज दिया है. लंबी मशक्कत के बाद 60 मीटर दूर मजदूर तक मलबा पार कर पाइप पहुंचा है. एनएचआईडीसीएल के निदेशक, अंशू मनीष खलखो ने बताया कि हमने अपनी पहली सफलता हासिल कर ली है, जिसके लिए हम पिछले नौ दिनों से प्रयास कर रहे थे और यह हमारी पहली प्राथमिकता थी.
हमने 6 इंच का पाइप लगाया गया है और इसके जरिए हम फंसे हुए मजदूरों की आवाज भी सुन सकते हैं. उन्होंने बताया कि अब हम उन्हें उस पाइप के जरिए ही प्रॉपर खाना और चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करेंगे. बता दें कि अबतक सुरंग में फंसे इन मजदूरों को प्रॉपर खाना तक भेज पाने में असमर्थ थे. लेकिन अब प्रशासन ने ये 6 इंच का पाइप अंदर भेजकर सफलता हासिल की है. इसके जरिए अब मजदूरों को प्रॉपर खाना भेजा जा सकेगा. अब तक मजदूरों को ड्राईफ्रूट और हल्का कुछ खाने को ही भेजा जा सका है.
अब तक इन मजदूरों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाओं के साथ साथ सूखे मेवे और मुरमुरे भेजे जा रहे थे. ताकि ये मजदूर टनल में सुरक्षित बने रहें. मजदूरों को ये सब एक चार इंच के पाइप के द्वारा भेजा जा रहा था. ये सफलता मिलने के बाद अब मजदूरों की जरूरत के अनुसार खाना बनाया जा रहा है. अब इस पाइप के जरिए प्लास्टिक की बोतलों में खाना भेजा जाएगा. इसमें आलू के टुकड़े, दलिया और खिचड़ी भेजी जाएगी. डॉक्टर की सलाह लेकर इन मजदूरों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए उन्हें खाना भेजा जा रहा है.
नेशनल हाइवेज और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDLC) के डायरेक्टर अंशू मनीष खालगो ने बताया कि Auger मशीन 23 मीटर पर रुकी हुई है. क्योंकि उसके आगे बड़ा सा बॉर्डर आ गया है, लेकिन मैं वादा करता हूं कि हम डिलीवर करेंगे. हमारी पहली प्राथमिकता है कि यह अंदर हार्ड फूड पहुंचाया जाए, मजदूर तक आज प्रॉपर खाना भेजा जाएगा.
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है. ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इन्हें निकलने के लिए 9 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है.