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NGT को बड़ा झटका, 2500 एकड़ जमीन वापस लेगी यूपी सरकार

एजेंसी/ jp_146235366780_650x425_050416025154नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सोनभद्र जिले की 2500 एकड़ जमीन जेपी ग्रुप को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को गलत बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को जमीन को तुरंत फॉरेस्ट एरिया घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही एनजीटी ने जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया को शुरू करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाई के निर्देश भी दिए.

2009 में तत्कालीन मायावती सरकार ने सोनभद्र जिले की 2500 एकड़ जमीन जेपी ग्रुप को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरु की थी और जमीन देने के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दिया था. पहले ये जगह यूपी सीमेंट कॉरपोरेशन की थी. सीमेंट कॉरपोरेशन की हालत खस्ता खराब होने के बाद जेपी ग्रुप ने इसे खरीद लिया था.

सरकार बदली तो बदल गया फैसला
जेपी ग्रुप का कहना था कि सोनभद्र की इस 2500 हजार एकड़ की लीज भी उसे दी जानी चाहिए. 2009 में मायावती सरकार ने जमीन को ट्रान्सफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. प्रक्रिया चल ही रही थी कि उसी दौरान प्रदेश में सरकार बदल गई. मौजूदा अखिलेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध किया. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और उसकी सेंट्रल एमपावर्ड समिति ने पूरी प्रक्रिया को गलत बताया. दोनों ने अदालत में कहा कि ये जमीन जंगल की है इसको किसी और काम के लिए नहीं दिया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट के बाद मामला एनजीटी ट्रांसफर हो गया.

पिछली सरकार के फैसले को ठहराया गलत
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता शमशाद और अभिषेक चौधरी ने एनजीटी में यूपी सरकार का पक्ष रखा और कहा, ‘ये जंगल की जमीन है और किसी और काम के लिए नहीं दी जा सकती. जमीन की लीज जेपी को दिए जाने का पूर्व सरकार का फैसला बिल्कुल गलत है.’

अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश
एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और यूपी सरकार के पक्ष को माना और अब ये आदेश जारी किया है. एनजीटी ने सरकार को निर्देश दिया है कि फौरन जमीन को फॉरेस्ट एरिया घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी की जाए और जमीन की लीज को गलत तरीके से जेपी को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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