लखनऊ ( दस्तक ब्यूरो) : मुजफ्फरनगर में टाइम बोतल बम (आइइडी) प्रकरण में यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार जावेद व इमराना को को पुलिस रिमांड पर लेकर आएगी। कोर्ट ने दोनों का दो दिन का रिमांड मंजूर किया है। ताजे घटनाक्रम के तहत जिले में इस मामले की जांच पड़ताल एनआइए की टीम ने की है। बम बनाने वाले जावेद को बारूद की व्यवस्था कराने वाले उसके रिश्तेदार को एसटीएफ ने राडार पर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
इस मामले में 60 वर्षीय इमराना ने पूछताछ में जो खुलासे किए हैं, वो चौंका देने वाले हैं। उसने कहा है कि इस बार मैंने करीब 15 दिन पहले जावेद से 10 बम बनाने के लिए कहा था। सोचा था कि कोई झगड़ा और दंगा होगा तो काम आएंगे।
आपको बता दें कि आतंकवाद के विभिन्न स्वरूपों और उसके संगठित अपराधों से लिंक को तोड़ने के मकसद से ही पिछले साल एनआईए संशोधन अधिनियम , 2019 में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को आतंकी मामलों से निपटने के साथ ही साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों , जाली मुद्रा कारोबार से जुड़े अपराधों, विस्फोटक पदार्थ से जुड़े अपराधों , मानव तस्करी से जुड़े मामलों , जॉच का अधिकार क्षेत्र विदेशों तक बढ़ाने और ऐसे व्यक्तियों को भी जांच के घेरे में रख सकने का अधिकार दिया गया है, जो भारत के बाहर भारतीय नागरिकों के खिलाफ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाला अनुसूचित अपराध करते हैं। ऐसे विधायन का महत्व तब समझ में आता है जब देश के सामने आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों के पेशेवर आतंकियों द्वारा भारत में साइबर अपराधों में लिप्त होकर देश में धार्मिक कट्टरता के लिए हिंसा को ऑनलाईन वैधता देते हुए पाया जाता है जैसा की उपरोक्त नए मामले में पाया भी गया है।